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उत्तराखंड:Covid 19 कर्फ़्यू के चलते हजारों भेड़ बकरियों के सामने चारे का संकट,इनर लाइन पास की मांग,पूरी खबर @हिलवार्ता
कोविड कर्फ़्यू के चलते सीमांत जिले पिथौरागढ़ के धारचूला मुनस्यारी के भेड़, बकरी पालक परेशान हैं । कारण हजारों की संख्या में भेड़ों और बकरियों को चारा नही मिल पाना है ।
दरसल उच्च हिमालयी क्षेत्र में दिसंबर आखरी सप्ताह से ठंड और बर्फबारी की वजह से पशुपालक अपनी भेड़ बकरियों के साथ निचले इलाकों में चले आते हैं । अप्रैल से भेड़पालक अपने मवेशियों के साथ चारागाहों की तरफ माइग्रेट करते हैं । इस बार कोविड कर्फ़्यू की वजह से उन्हें इन क्षेत्रों में जाने में दिक्कत आ रही है ।
उच्च हिमालयी क्षेत्र में माइग्रेशन के लिए बुग्यालो में घास चरने के लिए जाने वाली धारचूला व मुनस्यारी के भेड़ व बकरियो के पालको को बीते साल की तरह कोविड इनर लाइन परमिट दिए जाने की मांग की है ।
बुग्यालों की ओर माइग्रेट करने वाली भेड़ें
मुनस्यारी से जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने आज जिलाधिकारी सहित कई अफसरो को इस आशय का पत्र लिखा है और कहा कि चैक पोस्ट पर सीमा पुलिस ने हजारो भेड़ बकरियो को रोक रखा है जिस वजह पशु और पालकों को संकट आन पड़ा है ।
मर्तोलिया ने बताया कि बीते साल की तरह कोविड संक्रमण के चलते आई.टी.बी.पी. तथा एस.एस.बी.के चैक पोस्ट इन भेड़ व बकरियो को चीन व नेपाल की सीमा से लगे घास के बुग्यालो में जाने से रोक रही है जिसके लिए उच्चाधिकारियों को पालकों और पशुवों को आगे जाने की अनुमति अविलंब देनी चाहिए ।
बिगत वर्ष भी इसी तरह की परेशानी के बाद धारचूला व मुनस्यारी के उपजिलाधिकारियो द्वारा कोविड इनर पास जारी किया और समस्या का निपटारा हुआ था ।
जगत मर्तोलिया ने आज उपजिलाधिकारी धारचूला व मुनस्यारी, जिलाधिकारी व कुमांयू आयुक्त को पत्र लिखकर बीते साल की तरह कोविड इनर लाइन पास जारी करने की मांग की है। जिलापंचायत सदस्य ने कहा है कि स्थानीय प्रशासन के पास विगत वर्ष का डेटा मौजूद है जिसकी बिना पर इस साल भी इनर लाइन पास बनाकर लोगों को राहत दी जानी चाहिए । आयुक्त कुमायूं को भेजे पत्र में मर्तोलिया ने कहा है कि मसले का हल जल्द किया जाना चाहिए अन्यथा जानवरों और पशुपालकों के समक्ष चारे और खाने का संकट पैदा हो जाएगा ।
हिलवार्ता न्यूज डेस्क