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गिनीज बुक में रिकार्ड दर्ज कराने निकले,उत्तराखंड के प्रदीप राणा ने अब तक साइकिल से पूरी की 1100 किमी की दूरी. नेपाल से साझा की तस्वीर,पूरा पढ़िए@हिलवार्ता

उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के गरुड़ रिठाड़ गांव के 19 वर्षीय युवा प्रदीप ने साइकिल से साल 2017 में 16700 किमी का सफर तय कर अपने जुनून से महाराष्ट्र निवासी संतोष ओली का 17500 किमी साइकिल यात्रा का रिकार्ड तोड़ खूब सुर्खियां बटोरी.लेकिन प्रदीप है कि उसका मन नही भरा और वह निकल पड़ा है फिर से,जैसा कि कहा जा रहा है कि प्रदीप का अगला मिशन गिनीज बुक में अपना नाम दर्ज कराना है प्रदीप ने कहा कि इस मिशन या इसके बाद उनका लक्ष्य यही है,हो सकता है मैं इसी बार इस रिकॉर्ड के पास पहुच जाऊ,अगर नहीं तो मेरा अगला फिर यही लक्ष्य मेरा यही होगा .

बिगत 11 सितंबर को अपने घर गरुड़ से प्रदीप ने राइड फ़ॉर पीस के स्लोगन से अपने अभियान की शुरुवात की है और अपने मिशन को पूरा करने के लिए दुबारा साइकिल थामी है, स्थानीय लोगों ने अर्जुन सिंह राणा के दुबले पतले इस युवा को अपने मिशन में कामयाबी के लिए हरीझंडी दिखाई.
19 तारीख प्रातः कुसुमखेड़ा में न्यू मोंटेसरी स्कूल के बच्चो सहित जागरूक जनों ने प्रदीप का उत्साह वर्धन किया शुभकामनाएं दी,उनके कामयाब होने की कामना की.प्रदीप ने बताया कि उन्होंने इस बार यात्रा रुट नेपाल,भूटान, बांग्लादेश,मलेशिया,सिंगापुर,सहित इंडोनेशिया तक तय किया है जिसे वह हर हाल में पूरा करेंगे.

पिछली यात्रा में प्रदीप ने 23 मई 2017 में यात्रा की शुरुवात की देहरादून से शुरू की उनके यात्रा रुट में यूपी,बिहार,पश्चिमबंगाल, मेघालय,नागालैंड,सिक्किम,अरुणाचल,उड़ीसा,मध्यप्रदेश,दिल्ली,हिमाचल उत्तराखंड सहित कुल 24 राज्य थे.
इस बार उनकी साइकिल विदेश की धरती को मापने निकली है.आज यानी 27 सितम्बर प्रदीप से हिलवार्ता ने बात की है.प्रदीप 1100 किमी बुटवाल,चीसापानी,होते हुए सफर तय कर नेपाल के पोखरा पहुच रहे हैं.

20 सितम्बर को उन्होंने नेपाल में प्रवेश किया,प्रदीप ने बताया कि उनको अभी तक किसी तरह की परेशानी नही हुई है,नेपाल बार्डर पार करते हुए उसकी मुलाकात फ्रांस निवासी अर्मिन से हुई है,जो साइकिलिस्ट है,अर्मिन को भी काठमांडू तक जाना है वहां तक उनके साथ रहेगा.प्रदीप ने कहा कि आगे की यात्रा ठीक से हो वह अपने मिशन में कामयाब हो उसे ऐसी दुवाओं की जरूरत है,और कहा कि वह अपना मिशन आज से छह माह बाद इंडोनेशिया के बाली में पूरा कर उत्तराखंड और देश का नाम आगे बढ़ा कर ही वापस आएगा.

पहाड़ों में साइकिल का प्रयोग न के बराबर है बावजूद इसके साइकिल चलाना और उसमें भी रिकार्ड बनाने का जुनून प्रदीप में जबरदस्त है. हिलवार्ता की प्रदीप की इस साहसिक यात्रा पर पूरी नजर है.जिसकी अपडेट http://hillvarta.com पर पढ़ी जा सकती है.
हिलवार्ता न्यूज डेस्क
@ http://hillvarta.com

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