राष्ट्रीय
उत्तराखण्ड का एक गांव जहां पिछले पांच साल से पूर्ण शराब बंदी है,और भी गांव तैयार हैं नशे के खिलाफ मुहिम में .चौकिये मत ! पूरा पढ़िए@हिलवार्ता न्यूज
देश भर में चुनावी बुखार चल रहा था वहीं अभाव में जिंदगी गुजार रहे ग्रामीण पिछले 25 दिन से एक बड़ी मुहिम चला रहे हैं, अपने बच्चों को नशे से दूर रहने की मुहिम,पहाड़ में शराब बिकवाने में चंद रुपया राजस्व जरूर मिलता है लेकिन शराब जीवन को नाकाम बीमार बना रही है ,हिंसा,अवसाद को जन्म दे रही है नीति नियंता ऐसा नहीं कि नहीं समझते ,वो तो जानबूझ नहीं समझते हैं,अब ग्रामीण उनको समझा रहे हैं ले लो हमारे गांवों से टेक्स । कहाँ से लोगे,यह अपने आप मे बड़ी बात है,लोग स्वयं नशे से दूर रहने की चेष्ठा कर रहे हैं, जिसमे गांव के लोग बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं जो लोग ग्रामीणों द्वारा निर्धारित नियमों का उल्लंघन करते हैं ग्रामीण उनकी सजा भी तय कर, उन्हें सही रास्ते पर ला रहे हैं .
सीमान्त छिपलाकेदार के जुम्मा गांव वासी इस मुहिम को पिछले 25 दिन से लगातार चला रहे हैं जुम्मा गांव के आसपास 610 परिवार रहते हैं इन इलाकों में छोटे मोटे आयोजन पर शराब का प्रचलन बन्द करवाने की मुहिम में ग्राम प्रधान रूप सिंह धामी,मान सिंह धामी बिशन धामी महिला नेत्री विमला धामी राजन्ती देवी सहित ग्राम सभा के सभी परिवार जुटे हैं.
नेपाल बार्डर के स्याकुरी गांव में भी आज से पांच साल पहले ऐसी ही एक मुहिम ने वहां के निवासियों को गजब का आत्मविश्वास दिया गांव के महिला मंगल दल की इस मुहिम को जागरूक युवाओं और बुजुर्गों ने इस कदर उत्साहित किया कि 350 परिवार शराब से एकदम दूर हो गए. उन्होंने राजमंदी से ठान लिया कि किसी आयोजन में शराब लाने वाला पीने वाला अर्थदंड सहित समाज से वहिष्कृत होने का हकदार होगा बस देखते ही देखते पांच साल बीत गए लोगों ने अपनी मुहिम की सफलता के पांच साल पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों को बुलाकर अपनी इस मुहिम के बारे बताया “सोच, के अध्यक्ष श्री जगत मर्तोलिया ने स्याकुरी पहुँच अपने अनुभव साझा किए है और बताया कि जो लोग आज से पांच साल पहले गरीबी तंगहाली का जीवन जी रहे थे स्वतः शराबबंदी से इन गांवों का स्तर बदल चुका है दूध दही लस्सी अब उनके पेय जीवन के हिस्से बन चुके हैं, लोगों की आर्थिक स्थिति सुधर गई है जो पैसा नशे में बर्बाद हो रहा था उसका उपयोग घर की आवश्यकताओं की पूर्ति में हो रहा है.
महिला मंगल दल स्यांकुरा की महिलाओं की जितनी तारीफ की जाय उतनी कम है इस आयोजन में केवल कार्की, बहादुर कार्की,अन्नू कार्की,दीपक,विशन सिंह धामी,ललित राम,चंचल धामी,बीरबल राम,मीना देवी,कुसुमा देवी,बिसमती देवी सहित सौ से अधिक महिला पुरुष मौजूद रहे .
हिलवार्ता न्यूज डेस्क
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