राष्ट्रीय
गांव वालों ने चुनाव बहिष्कार किया प्रशासन ने मनाया वादा किया, मांग पूरी नहीं होने से नाराज ग्रामीण अब लगा रहे हैं गुहार आइये पढ़ते है ।
सूबे में डबल इंजन सरकार है प्रदेश में कई गांवों ने सड़क नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद किया कहीं पूर्ण वहिष्कार हुआ कहीं प्रशासन ने गांव वालों से वायदा किया कि उनकी समस्या निपटा ली जाएगी तब गांव वोट डालने राजी हो गए अब जब चुनाव निपटे 16 दिन हुए ग्रामीण मांगों को पूरा करने की गुहार प्रशासन से कर रहे हैं अब गेंद सरकार और उसके आला अधिकारियों पर है कि कब बजट मिले और कब ग्रमीणों से किया वादा पूरा हो.
मामला पिथौरागढ़ के सीमांत गांव नामिक और रांथी का है आज ग्रामीणों ने प्रभारी जिलाधिकारी वंदना से मुलाकात कर बताया कि चुनाव में उनसे किया वादा अब निभाया जाए लोगों की माग पर गौर किया जाय और जल्द काम शुरू हो ताकि कि जनता का सिस्टम पर विश्वास कायम रहे .
दरसल मुनस्यारी के अंतिम नामिक गांव के पैदल यात्रा के लिए बने सुगम मार्ग में रामगंगा नदी पर बनी झूला पुलिया,पास के अपार्टमेन्ट के क्षतिग्रस्त होने के कारण गिरने के कगार पर पहुंच चुकी है लोगों का आरोप है कि लोक निर्माण विभाग डीडीहाट डिवीजन पुलिया को बचाने के लिए कुछ भी प्रयास नहीं कर रहा है.नदी में लगातार पानी का स्तर बढ़ता जा रहा है. कभी भी पुल बह सकता है.
नामिक के 245 परिवार पुल बहने के बाद अपने घरों से निकल नहीं सकते. धारचूला के रांथी गांव में सड़क बंद चल रही है जो भाग खुला है,सके चौड़ाकरण व डामरीकरण का काम से जनता संतुष्ट नहीं हैं, लोक निर्माण विभाग अस्कोट ने सड़क खोलने के लिए एक जैसीबी लगाई है, वह पहले से ही तकनीकी रुप से खराब है.
भाजपा नेता जगत मर्तोलिया कहते हैं अफसर लाखो रुपये खर्च करते है लेकिन आवश्यक संसाधन पर फोकस नही हो रहा है किसी की सुनी नहीं जाती है यही कारण था कि गांवो ने इन समस्याओं को लेकर चुनाव में वोट न डालने का ऐलान किया था, प्रशासन ने ग्रमीणों को वोट देने के लिए मना तो लिया,अब इनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है.
भाजपा नेता मर्तोलिया ने कहा कि अफसरों की जबाबदेही तय होनी चाहिए,अगर कोई काम नहीं करता है तो वेतन काटने व निलबिंत करने की कार्यवाही की जानी चाहिए,कहा कि एक सप्ताह के भीतर कार्यवाही नहीं हुई तो लोग दुबारा आंदोलन का ऐलान का मन बना रहे हैं.
हिलवार्ता न्यूज डेस्क
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