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राष्ट्रीय

उत्तराखंड की पांच लोकसभा सीटों में सर्वाधिक मतदाता कहाँ हैं आइये देखते हैं ।

लोकसभा चुनाव में इस बार उत्तराखण्ड में 78 लाख 54 हजार 023 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे . ये मतदाता राज्य की पॉचों लोकसभा सीटों के हैं . जिनमें से पुरुष मतदाताओं की संख्या महिला मतदाताओं से अधिक है . जहॉ पुरुष मतदाताओं की संख्या 40 लाख 53 हजार 944 है तो महिला मतदाताओं की संख्या 37 लाख 11 हजार 220 है . इस बार थर्ड जेंडर मतदाताओं की संख्या 259 है . सरकारी व विभिन्न सुरक्षा बलों में नौकरी करने वाले मतदाताओं की संख्या 88 हजार 600 है . पिछले पॉच सालों में लोकसभा चुनाव के मतदाताओं की संख्या में लगभग 7.24 लाख की बढ़ोत्तरी हुई है . गत लोकसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या 71 लाख 29 हजार 305 थी . राज्य निर्वाचन कार्यालय द्वारा 25 मार्च 2019 तक की जो अंतिम मतदाता सूची जारी की गई है , उसके अनुसार नैनीताल व हरिद्वार लोकसभा सीटों पर 18-18 लाख से अधिक मतदाता हैं . सूची के अनुसार हरिद्वार लोकसभा सीट सबसे अधिक मतदाताओं वाली सीट है . उसके बाद दूसरे नम्बर पर नैनीताल लोकसभा सीट का नम्बर है .
हरिद्वार में 18 लाख 35 हजार 529 मतदाता हैं . जिनमें से 9 लाख 80 हजार 525 पुरुष और 8 लाख 54 हजार 868 महिला और 136 थर्ड जेंडर वाले मतदाता हैं . नैनीताल में 18 लाख 18 हजार 271 मतदाता हैं . जिनमें से 9 लाख 56 हजार 206 पुरुष और 8 लाख 62 हजार 031 महिला तथा 34 थर्ड जेंडर मतदाता हैं . उसके तीसरे नम्बर पर टिहरी गढ़वाल लोकसभा सीट है . जहॉ मतदाताओं की संख्या 14 लाख 81 हजार 205 है . जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 7 लाख 75 हजार 603 है तो महिला मतदाताओं की संख्या 7 लाख 05 हजार 553 और थर्ड जेंडर वाले मतदाताओं की संख्या 58 है . चौथे नम्बर गढ़वाल ( पौड़ी ) है . जहॉ मतदाताओं की संख्या 13 लाख 21 हजार 334 है . जिनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 6 लाख 74 हजार 632 है . महिला मतदाताओं की संख्या 6 लाख 46 हजार 688 है और थर्ड जेंडर वाले मतदाताओं की संख्या 24 है .
सबसे कम मतदाता अल्मोड़ा ( अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित ) लोकसभा सीट पर हैं . यहॉ कुल मतदाताओं की संख्या 13 लाख 09 हजार 085 है . जिनमें से 6 लाख 66 हजार 978 पुरुष और 6 लाख 42 हजार 100 महिला मतदाता व 07 थर्ड जेंडर मतदाता हैं . इस बार किसी भी सीट पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले ज्यादा नहीं है . यह कई तरह की गड़बड़ियों की ओर इशारा कर रहा है , क्योंकि जिस तरह से पहाड़ से लोग रोजी – रोटी और दूसरी जरुरतों के लिए मैदानों की ओर स्थानान्तरित हो रहे हैं , उनमें पुरुष ही सबसे ज्यादा होते हैं . तब महिला मतदाता पुरुषों से कम कैसे हैं? यह एक बड़ा सवाल बन रहा है . ***

जगमोहन रौतेला
वरिष्ठ पत्रकार
@hillvarta.com

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