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उत्तराखंड बिजली विभाग ने बिजली चोरी के मामले में अपने तीन बड़े अधिकारी निलम्बित किये,आइये पूरा समाचार पढ़ते हैं।
उत्तराखंड विद्युत विभाग के उच्चधिकारियों ने आज बड़ी कार्यवाही करते हुए,उधमसिंह नगर के अपने तीन बड़े अधिकारी निलंबित कर दिए,मामला गदरपुर के फ्लोर मिल में विद्युत चोरी का है. जिसमे विभागीय इन तीनो अधिकारियों की संलिप्तता पाई गई है साथ ही इन अधिकारियों द्वारा काम मे लापरवाही बरती गई है जिसकी सजा आज निलंबन के तौर पर हुई है ।
कॉर्पोरेशन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए विभाग के अधीक्षण अभियंता नरेंद्र सिंह टोलिया, रुद्रपुर डिवीजन के अधिशासी अभियंता उमाकांत चतुर्वेदी और गदरपुर के एसडीओ गिरीश आर्य निलंबन का आदेश थमा दिया है.
उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के एमडी ने यह कार्रवाई की है हाल ही एक मामला और 20 अप्रैल को विद्युत विभाग के अधिकारियों ने प्रेम नगर में यशोदा इंडस्ट्रीज में भी लाखों रुपए की विद्युत चोरी पकड़ी,इस मामले में पहले ही एक जेई निलंबित हो चुका है निलंबन की इस कार्रवाई से विद्युत विभाग में हड़कंप मच गया है ।
ज्ञात रहे उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लि.के अधिकारियों की लापरवाही के कारण प्रदेश में बिजली चोरी पर लगाम नहीं लग पा रही है समय समय पर उद्योगों को अधिकारियों की मिली भगत से बिजली बेचने के इल्जाम लगते रहे हैं जिसकी वजह अधिकारी इसे लाइन लॉस का नाम दे दे रहे थे,करीब करीब सपष्ट होने लगा है कि लाइन लॉस में करीब 90 फीसद से ज्यादा मामले बिजली चोरी के हैं.
विभागीय कथनानुसार 16 फीसद विजली का विभाग को पता ही नही चल पा रहा है.जिम्मेदार अफसर ने बताया कि उत्तराखंड की बिजली विभाग की पांच डिवीजनों में 30 से 49 प्रतिशत तक लाइन लॉस हो रहा है,इस वजह हर 800 करोड़ का नुकसान हो रहा है.देहरादून,बागेश्वर,हरिद्वार, उत्तरकाशी,रुद्रप्रयाग जिले सर्वाधिक लाइन लास दिखा रहे है जिनकी जांच चल रही है यहां भी कार्यवाही लंबित होने की बात सामने आ रही है ।
हिलवार्ता न्यूज डेस्क
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