राष्ट्रीय
सुदूर गंगोलीहाट में जुटे देश के नामी वैज्ञानिक,जिन्हें 15 हजार बच्चे 95 स्कूल 700 शिक्षक सुन चुके हैं देखें कैसे एक समाजसेवी सुनसान अपना काम कर रहा, आइये पढ़ते हैं .
उत्तराखंड के सुदूर गंगोलीहाट में शिक्षा की अलख जगाई जा रही है और अलख जगा रहे लोगों में एक नाम राजेन्द्र सिंह बिष्ट है जिन्होंने शिक्षा का बीड़ा उठाया है,राजेन्द्र में अपने समाज के लिए बहुत कुछ करने का जुनून है उन्होंने सुदूर में वह सब कर दिखाया है जो बड़े बड़े संस्थान नहीं कर पाते हैं,बिष्ट बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं.
उत्तराखंड साइंस एजुकेशन एन्ड रिसर्च सेंटर ने उन्हें सहयोग किया है बड़े बड़े प्रोफेसर को जिन्हें बड़ी बड़ी यूनिवर्सिटीज एक साथ नहीं ला पाती हैं, उनका व्याख्यान गंगोलीहाट जैसे कस्बे में करवा डाला यह पहली मर्तबा नहीं कई कई बार उन्होंने कर दिखाया है.
उनको भरपूर सहयोग दिया उत्तराखंड के नामी विज्ञानियों में शामिल देश के अग्रणी भू वैज्ञानिक प्रो खड़क सिह वल्दिया प्रोफेसर एन सी राव और प्रो शेखर पाठक ने जिनके साथ प्रो बीड़ी लखचौरा सहित पंतनगर विश्वविद्यालय सहित अन्य विश्वविद्यालयों के दर्जनों बड़े नाम शामिल रहे.प्रो एन सी राव प्रो.वल्दिया विशेष रूप से इस मुहिम में सहयोग दे रहे हैं
प्रोफेसर खड्ग सिंह वल्दिया सहित इन प्रो.ने विज्ञान शिक्षा को बढ़ावा देने, वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने,उच्च शिक्षा में विज्ञान पढ़ने, शोध अभिरुचि विकसित करने हेतु हिमालयन ग्राम विकास समिति गंगोलीहाट के राजेंद्र बिष्ट जी से मिलकर साइंस आउटरीच प्रोग्राम शुरू किया है .इस प्रोग्राम में भारत रत्न प्रोफेसर सी सीएनआर राव और जवाहरलाल नेहरू एडवांस साइंटिफिक रिसर्च सेंटर बंगलौर के वैज्ञानिक भी जुड़े हैं। हर साल इसी समय गंगोलीहाट में तीन दिन का सौ छात्रों, पच्चीस शिक्षकों,और दश वैज्ञानिकों प्रोफेसर का आवासीय कार्यक्रम सम्पन्न हुआ, विभिन्न विषयों के प्रोफेसरों ने अपने शोध कार्य, महत्वपूर्ण विषयों पर विशेषज्ञ व्याख्यान दिए और छात्रों के जिज्ञासाओं के सवालों के जवाब दिए.
कार्यशाला में कक्षा बारहवीं के मेधावी छात्र जो किसी तरह से विज्ञान शोध पर रुचि रखते है अधिकतर वही प्रतिभाग करते हैं पिथौरागढ़, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग, चमोली के सरकारी व पब्लिक स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने इस तीन दिवसीय कार्यशाला में प्रतिभाग किया.
शिक्षक दिनेश भट्ट ने बताया कि पंद्रह हजार से अधिक छात्र पिचानब्बे स्कूल,सात सौ शिक्षक इस में शामिल हो चुके हैं इस कार्यक्रम से जुड़े पद्म भूषण प्रो खड्ग सिंह वल्दिया, प्रोफेसर बी डी लखचौरा, प्रोफेसर पी एस महर, डा गंगा बिष्ट, प्रोफेसर नरेंद्र सिंह सिजवली, प्रोफेसर आनन्द जीना, प्रोफेसर कमान सिंह कठायत, प्रोफेसर दुर्गेश पंत, प्रोफेसर राजकुमार पंत,डा शेखर पाठक,भीम सिंह कोरंगा,डा ज्योति निवास पंत आदि ने अपने अपने विषयों पर बातचीत रखी.तीन दिवसीय शिविर का संचालन हिमालयन ग्राम विकास समिति के अध्यक्ष राजेंद्र बिष्ट, दिनेश भट्ट और किशोर पाटनी द्वारा किया गया.
लोग संसाधनविहीन गाँवों को संवार रहे हैं जिस काम को सरकार को करना चाहिए वह काम समाजसेवी संस्थाएं या समाजसेवी सोच के लोग कर रहे हैं,गंगोलीहाट पिथौरागढ़ जिले का सूदूरवर्ती विधानसभा छेत्र एक ओर रामगंगा तो दूसरी ओर सरयू लेकिन यह कस्बा पीढ़ियों से पानी की समस्या से जूझता रहा,सरकारी सिस्टम कोई इसका समाधान नहीं ढूढ पाया,गंगोलीहाट में टाटा ट्रस्ट और हिमोत्थान समिति ने मिलकर 312 पानी के स्रोतों का संवर्धन कर दिखाया है
ओपीपाण्डेय
@ एडिटर्स डेस्क
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