मद्रास हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है कोर्ट ने नए सूचना प्रौद्योगिकी कानून के कुछ प्रावधानों पर रोक लगा दी है जिसके तहत सरकार द्वारा मीडिया को नियंत्रित करने की कोशिशें की जा सकती है । वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह ने बताया है कि मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी एयर जस्टिस पीडी आदिकेश वालू की खंडपीठ ने इन्फॉर्मेशन टेक्नोलोजी रूल्स 2021 के दो उपबंधों के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी है जिससे मीडिया को नियंत्रित करने की मंशा जाहिर होती है । कोर्ट ने डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन और संगीतकार टीम कृष्णा द्वारा दायर याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माना कि उक्त रूल्स के जरिए ओवर साइट मेकेनिज़्म के द्वारा मीडिया को नियंत्रित करने और आजादी छीने जाने का अंदेशा है । लिहाजा इसके दो प्रावधानों पर रोक लगा दी है ।
इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी इसी तरह का फैसला दिया जिसमें कोर्ट ने इन्फॉर्मेशन टेक्नोलोजी रूल्स (intermediary guide line and digital media ethics rules) 2021 के नियम 9(1)और 9(3) पर रोक लगाई हुई है । बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी माना कि सरकार द्वारा बनाये गए ये दोनों नियम आजादी के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन करते हैं ।
ऐसे ही मद्रास हाईकार्ट ने रूल्स के उपबंध (1)और (3) अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए ग़ैरजरूरी माना और रोक लगा दी ।
ज्ञात रहे कि हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और वेव पोर्टल पर फर्जी खबरें चलाने को लेकर गंभीर टिप्पणी की थी । कोर्ट ने कहा था कि मीडिया के एक वर्ग में दिखाई जाने वाली खबरों में साम्प्रदायिकता का रंग होने से देश की छवि खराब हो रही है । कोर्ट में सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुसार मेहता ने कहा था कि वेव पोर्टल समेत ऑनलाइन सामग्री के लिए सरकार ने आईटी रूल्स बनाये हैं ।
मद्रास और बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने फैसले इन्ही रूल्स के कुछ उपबंधों के नियमों पर रोक लगा दी है । जिससे डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को राहत मिलेगी और वह स्वतंत्र तौर पर पत्रकारिता धर्म निभा सकेगा ।
हिलवार्ता न्यूज रिपोर्ट