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उत्तराखण्ड

हल्द्वानी : F.T.I. सभागार में जुटे कुमाऊं गढ़वाल के लोक कला संगीत के जानकार “भेंट घाट” नामक कार्यक्रम में कई वरिष्ठ गीतकार सम्मानित,खबर@हिलवार्ता

हल्द्वानी : यहां स्थानीय एफ टी आई सभागार में उत्तराखंड सांस्कृतिक समिति के तत्वावधान में “भेंट घाट” कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
कार्यक्रम में कला और संस्कृति के क्षेत्र में योगदान के लिए कई संस्कृति प्रेमियों को सम्मानित भी किया गया ।

आज संपन्न हुए भेट घाट नाम दिए गए इस आयोजन में  कुमाऊ और गढ़वाल से कई लोग पहुंचे ।

कार्यक्रम में सम्मानित किए गए वरिष्ट रंगकर्मी गीतकार त्रिभुवन गिरी महाराज ने कहा कि यह प्रफुल्लित कर देने वाली बात है कि लोक में नई पीढ़ी बढ़चढ़ कर भागीदारी कर रही है अलग अलग माध्यमों में वह अपनी संस्कृति के प्रति लोगों को जागृत कर रहा है बस थोड़ा कंटेंट पर ध्यान देने की जरूरत है ।

गीतकार / उद्घोषक हेमंत बिष्ट ने कहा कि सोशल मीडिया के दौर में कई लोग उम्दा कार्य कर रहे हैं अच्छे गीत लिखे जाने चाहिए जिसके लिए नए कलाकार पुराने लोगों से कुछ टिप्स ले लें तो बेहतर परिणाम आ सकते हैं । 

रजनीकांत सेमवाल ने अपने गीतों और नए प्रयोग के तौर पर उनके द्वारा किए गए फ्यूजन पर बात रखी ।और कहा कि नए प्रयोग और नई पीढ़ी की जरूरतों के हिसाब से गीतों का सृजन होना चाहिए । 

लोक साहित्य कर्मी जनार्दन उप्रेती ने कहा कि लोक संगीत में मर्मज्ञ होने के लिए लोक साहित्य को पढ़ा जाना आवश्यक है लोक की जानकारी बेहतर करने की उम्मीद पैदा करता है ।

प्रो दिवा भट्ट ने पारंपरिक झोड़ों चाचरी सहित लोकविधाओं लोकगीतों की व्याख्या करते हुए कहा कि उत्तराखंडी लोक कला में ऋतु सौंदर्य,श्रंगार रस सहित कई विधाएं मौजूद हैं जिन्हे संरक्षित रखा जाना चाहिए ।

संतोष खेतवाल ने कहा कि फिल्म में गीत की रचना विषयवस्तु पर आधारित होती है जबकि लोकगीत स्थानीय जरूरतों के हिसाब से रचे जाते हैं कलाकार का कार्य लोगों तक मनोरंजन के अतिरिक्त सही विषयवस्तु को पहुंचाना भी है जिसका खयाल रखना जरूरी है ।

राजेंद्र ढेला और राजेंद्र प्रसाद ने पहाड़ ला रायु माया नहेगे भाबरा गाकर खूब ताली बटोरी । जबकि आज सम्मानित किए जाने वाले वरिष्ठ पत्रकार चारु तिवारी और सुप्रसिद्ध लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी कार्यक्रम में अपरिहार्य कारणों से सम्मिलित नहीं हो सके ।

कार्यक्रम की शुरुवात आंचल लोक कला केंद्र के कलाकारों द्वारा हुई जिसमे सरस्वती वंदना तत्पश्चात ठंडो रे ठंडो मेरो पहाड़ों को पानी , उत्तराखंड मेरो मातृभूमि गीतों की सुंदर प्रस्तुति की गई भेंट घाट का संचालन दीपांशु द्वारा संपन्न किया गया ।

भेंट घाट कार्यक्रम में वरिष्ठ संगीतज्ञ पंडित चंद्रशेखर तिवारी,लेखक जुगल किशोर पेटशाली,गायिका बीना तिवारी हेमा हरबोला रंगकर्मी घनश्याम भट्ट,पत्रकार कैलाश पाठक किशोर गहतोड़ी, डॉ अनिल कार्की, स्मित तिवारी,त्रिभुवन बिष्ट दयाल पांडे लता कुंजवाल, पुरन बिष्ट,ओपी पांडे गायक हरीश भट्ट हेमलता भट्ट मोहन जोशी मोहन दा, हेम पंत सहित समिति के नरेंद्र टोलिया, सी ए सरोज आनंद जोशी, निशा सरोज जोशी ,नितेश बिष्ट सचिव पवन कार्की,प्रह्लाद मेहरा,संगीत प्राध्यापक जगमोहन परगाई संदीप सोनू गोविंद दिगारी,खुशी दिगारी, बांसुरी वादक मोहन दा, कुसुम पांडे, मनोज पांडे, राधा द्विवेदी, डा गुंजन जोशी, संस्था के अध्यक्ष रितेश जोशी, चंपा त्रिपाठी,आंचल कला केंद्र के मोहन पांडे रिस्की पाठक, मुकेश पांडे सहित कई कला प्रेमी उपस्थित रहे । कार्यक्रम का संचालन दीपांशु द्वारा किया गया ।

कार्यक्रम के अंत में संयोजक नरेंद्र टोलिया ने मेहमानों और मेजबानों सहित श्रोताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जल्द ही समिति राज्य में अपनी इस मुहिम को विस्तारित करेंगे । उन्होंने कहा कि कार्यक्रम की  विषयवस्तु जिसमे सभी कलाकारों को एक मंच में आ सकें के लिए प्रतिबद्ध हैं । 

Oppandey@

हिल वार्ता न्यूज डेस्क

 

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