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साम्प्रदायिक सद्भाव पुरुष्कार के लिए आवेदन कीजिये, व्यक्तिगत प्रयास के लिए 5 संस्था के लिए 10 लाख है पुरुष्कार राशि, आइये आगे पढ़िए @हिलवार्ता
राष्ट्रीय साम्प्रदायिक सद्भाव पुरस्कारों के लिए नामांकन की घोषणा हुई है नामांकन की अंतिम तिथि 30 जून, 2019 रखा गया है
राष्ट्रीय सांप्रादायिक सद्भाव पुरस्कार की स्थापना भारत सरकार के गृह मंत्रालय के स्वायत्त संगठन राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भाव संगठन (एनएफसीएच) द्वारा 1996 में की गई थी. यह पुरस्कार सांप्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया था. इसकी स्थापना व्यक्ति विशेष या संगठनों द्वारा सांप्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने के प्रयासों की प्रशंसा और मान्यता देने के उद्देश्य से की गई थी.
साम्प्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए पात्र व्यक्तियों और संगठनों से राष्ट्रीय साम्प्रदायिक सद्भाव पुरस्कार-2019 के लिए नामांकन आमंत्रित किए गए हैं,नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 जून, 2019 है। राष्ट्रीय साम्प्रदायिक सद्भाव पुरस्कारों की स्थापना केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अन्तर्गत एक स्वायत संस्था राष्ट्रीय साम्प्रदायिक सद्भाव संस्थान (एनएफसीएच) के द्वारा की गई थी.
राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भाव पुरस्कार, 2019 की व्यक्तिगत श्रेणी में प्रत्येक को प्रशस्ति पत्र और 5 लाख रुपये तथा संगठन श्रेणी में 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार दिया जाएगा। व्यक्तिगत श्रेणी में राष्ट्रीय एकता और सांप्रदायिक सद्भाव के क्षेत्र में कम से कम दस साल की अवधि तक काम कर चुके व्यक्तियों के नाम पुरस्कार के लिए विचार किए जाने के पात्र होंगे, जबकि राष्ट्रीय एकता और सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के क्षेत्र में 5 साल से अधिक कार्य करने वाले संगठनों के नामों पर विचार किया जाएगा.
नामांकन राष्ट्रीय साम्प्रदायिक सद्भाव संस्थान (एनएफसीएच), 9वीं मंजिल,‘सी’ विंग, लोक नायक भवन, खान मार्केट, नई दिल्ली-110003 को 30 जून, 2019 तक भेजे जा सकते हैं। इनका विवरण संस्थान की वेबसाइट www.nfch.nic.in से या संस्थान के कार्यालय से प्राप्त किया जा सकता है.
संगठन श्रेणी का राष्ट्रीय पुरुस्कार वर्ष 2013 के लिए 2014 में समाज एवं धर्मनिरपेक्षता अध्ययन केंद्र मुम्बई,व्यक्तिगत श्रेणी में दिल्ली के डॉ मोहिंदर सिंह और केरल के के एन राधाकृष्णन को दिया गया .
हिलवार्ता न्यूज डेस्क
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