राष्ट्रीय
अल्मोड़ा पिथौरागढ़ लोकसभा सीट में 9/7 का गणित कौन बदल रहा है, आइये देखते हैं
अल्मोड़ा पिथौरागढ़ लोकसभा सीट में कांटे की टक्कर के आसार हैं यहाँ अजय टम्टा और प्रदीप टम्टा के मध्य ही मुकाबला माना जा रहा है छेत्रीय दल और निर्दलीय कुछ वोटों पर कब्जा कर रहे हैं लेकिन कांग्रेस भाजपा का जनाधार भेद पाना इनके लिए आसान नहीं।
आजादी के बाद इस सीट पर 1957 से 1977 तक कांग्रेस का एकतरफा कब्जा रहा है जंग बहादुर सिंह बिष्ट (1957-1960)तक सांसद रहे ,बाई इलेक्शन में हरगोविंद पंत (1960-1962)सांसद रहे, पुनः जंग बहादुर सिंह बिष्ट(1962-1967) जीते एक बार फिर (1967-1971) जंगबहादुर सिह बिष्ट विजयी रहे जबकि( 1971-1977) में नरेंद्र सिह बिष्ट ने इस सीट पर कांग्रेस सांसद रूप में प्रतिनिधित्व दिया ।
इमरजेंसी के बाद हुए बदलाव में इस सीट पर जनता पार्टी के डॉ मुरलीमनोहर जोशी (1977-1980) तक काबिज हुए, कांग्रेस ने 1980 में हरीश रावत को मैदान में उतारा,रावत ने (1980-1991)तीन टर्म इस सीट को कांग्रेस के लिए जीत दर्ज की ।रामलहर के समय भाजपा ने उद्योगपति जीवन शर्मा पर दांव लगाया वह (1991-1996)में अल्मोड़ा सीट जीते और सांसद रहे । वर्ष(1996-2009) तक बची सिंह रावत चार बार यहा सांसद रहे हैं,(2009-2014)कांग्रेस के प्रदीप टम्टा ने यह सीट भाजपा से कांग्रेस के पाले लाकर इस सीट का प्रतिनिधित्व किया ।
भाजपा ने पुनः (2014 -2019) में इस सीट पर अजय टम्टा को उम्मीदवार बनाया अजय ने सीट पर कब्जा कर यह सीट भाजपा के नाम कर दी ।कुल मिलाकर कांग्रेस ने 9 बार तो भाजपा ने 7 बार इस सीट को अपनी झोली में डालने में कामयाबी हासिल की है । उत्तराखंड राज्य बनने के बाद अगर इस सीट के गणित की बात करें अल्मोडा पिथोड़ागढ़ सीट में कुल मतदाता संख्या से कितने लोगों ने चुनाव में वोट डाला देखते हैं .
2004 में 5,05,223 . वर्ष 2009 में 4,84,920.वर्ष 2014 में 6,56,525.वोटर्स ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया ।2019 में सरकारी आंकड़ों के हिसाब से वोटरों की संख्या में इजाफा हुआ है 2011 की जनगणना के हिसाब से लोकसभा सीट पर आबादी 16,लाख के आसपास है जिसमे सरकार के आंकड़ों के हिसाब से करीब 13 लाख वोटर हैं । जनसँख्या के आंकड़ों के हिसाब से देखा जाय तो जिले में वोटरों की संख्या में 2 लाख से ज्यादा का इजाफा हुआ है,जनसंख्या केलकुलेटर के हिसाब से कुल आबादी में 13 प्रतिशत 6 बर्ष तक के 13 प्रतिशत 6 से 18 वर्ष के युवाओं की संख्या केलकुलेट कर कुल वोटर्स की संख्या निकाली जाती है, इस हिसाब से अल्मोड़ा में बढ़ी हुई आबादी पर जानकार प्रश्न उठाते हैं कि आखिर पलायन झेल रहे इलाकों में वोटरों की संख्या कैसे बढ गई.
इस सीट पर राज्य निर्माण के बाद हुए लोकसभा चुनाव में 2014 में कुल पड़े मत का सर्वाधिक 53% अजय के पक्ष में पड़े हैं जबकि कांग्रेस के प्रदीप टम्टा को 38.44% मत पड़े। 2004 से 2014 तक पड़े इन दो दलों के मत इस प्रकार हैं.
2004 में कांग्रेस को 2,15,690 भाजपा को 2,25,742 अन्य को 27,340 जीत का मार्जिन 10,052 रहा वर्ष 2009 में कांग्रेस को 2,02,228,भाजपा को 1,95705,अन्य को 45,143 जीत का मार्जिन 6,523 रहा,वर्ष 2014 में मोदी लहर थी अजय 2014 के लिहाज से परिपक्व हुए है केंद्र में मंत्री रहते कुछ काम भी गिना रहे हैं दूसरी तरफ राज्यसभा में सांसद प्रदीप भी अपने किये कार्यों के साथ जनता के बीच हैं,और लंबा अनुभव उनके पास भी है एकतरफा लहर जैसी बात इस बार नहीं दिखाई देती चूंकि दोनों दलों का एक तय वोट बैंक इस सीट पर दोनो के बीच टक्कर को कड़ा बनाता है इस सीट पर चुनाव गणितज्ञ इस बार हार जीत का फासला बहुत कम रहने की उम्मीद कर रहे हैं ।
ओपी पांडेय
@एडिटर्स डेस्क
हिलवार्ता न्यूज