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उत्तराखंड आपदा ब्रेकिंग :सुन्दरढूंगा क्षेत्र में एसडीआरएफ को मिली सफलता,लापता पांच बंगाली ट्रेकर्स के शव मिले,कलकत्ता भेजे जा रहे हैं शव,पूरी खबर @हिलवार्ता

बागेश्वर: सुंदरढूंगा घाटी में 17 और 18 अक्टूबर को हुई अतिवृष्टि में मारे गए पांचों बंगाली ट्रैकरों के शव एसडीआरएफ देहरादून के पर्वतारोहियों ने बरामद कर लिए हैं। हालांकि जैकुनी गांव का गाइड अभी भी लापता है। जिला प्रशासन ने कपकोट में पांचों ट्रैकरों का पोस्टमार्टम कर शव स्वजन को सौंप दिए हैं। शवों को दिल्ली के बाद कलकत्ता ले जाया जाएगा।

जिलाधिकारी बागेश्वर विनीत कुमार ने बताया कि एसडीआरएफ-एनडीआरएफ एवं प्रशासन की टीम विगत 6 दिनों से लगातार रेस्क्यू अभियान सफल चलाया। जिसमें देहरादून से आए आठ एसडीआरएफ के पवर्तारोही टीम ने सुंदरढूंगा घाटी से पांचों बंगाली ट्रैकरों के शव मंगलवार को निकाल लिए हैं। तीन शवों को छोटे चौपर और एक शव को बड़े चौपर से कपकोट लाया गया। उन्होंने बताया कि मृतकों के शवो का पोस्टमार्टम कपकोट में उनके परिजनों की मौजूदगी में चिकित्सकों के पैनल द्वारा किया गया।मृतकों के स्वजन विश्वजीत दास, अभिजीत दास, अनूप मंडल ने पांचों शवों की शिनाख्त की। उसके बाद जिला प्रशासन ने जरूरी कागजी कार्रवाई की और शवों को दिल्ली के बाद कलकत्ता भेज दिया है ।

कपकोट के थानाध्यक्ष मदन लाल ने बताया कि सागर डे (27) पुत्र सलील डे निवासी हावड़ा, पश्चिम बंगाल, सरित शेखर दास (35) पुत्र तूषार कांतिदास निवासी बगनान, हावड़ा, चंद्रशेखर दास (32) पुत्र आलोक दास निवासी बगनान, हावड़ा, प्रितम राय (27) पुत्र प्रमिल कांति राय निवासी नाडिया, पश्चिम बंगाल, साधन बसान (63) पुत्र गंगा राम बसान निवासी जयगिर घाट रोड कलकत्ता के रहने वाले हैं।

 

सुन्दरढूंगा पिंडारी में मृतक पांच बंगाली ट्रेकर्स की फ़ाइल फ़ोटो 

लोकल गाइड का नही लगा सुराग  बंगाली पर्यटकों के साथ गए लोकल गाइड खिलाफ सिंह दानू का अभी सुराग नही लग पाया है। जबकि उसके साथ गए 5 ट्रेकर्स के शवों को एसडीआरएफ की टीम ने बरामद कर लिया है। लोकल गाइड के कुछ पता नही चलने से उनके परिजनों की चिंता और बढ़ गयी है।

उत्तराखंड में बिगत हप्ते आई आपदा के बाद से राज्य के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ट्रेकिंग के लिए गए देशी विदेशी चालीस से ऊपर ट्रेकर्स फस गए थे । जिनमें से कुछ लोगों को एसडीआरएफ ने रेस्क्यू कर लिया था लेकिन पिंडारी क्षेत्र के सुंदर ढुंगा क्षेत्र में बंगाली ट्रैकरों और लोकल गाइड की पिछके छह दिन से खोज जारी थी ।

ज्ञात रहे कि इस क्षेत्र में संचार सेवाएं बदहाल हैं खाती गांव सहित इस क्षेत्र में पर्यटन के लिए भारी संख्या में आवाजाही होने के बावजूद संचार व्यवस्था ठीक न होने पर कई सवाल खड़े होते हैं । इस बार भी लापता इन ट्रेकर्स की मौत संचार की उचित व्यवस्था नहीं होना ही माना जा रहा है ।

एसडीआरएफ टीम के सदस्य रेस्क्यू टीम में एसडीआरएफ के दीपक पंत, हृदेश परिहार, बिजेंद्र कुडीयाल, दीपक नेगी, श्रीकांत नोटियाल, यशपाल, अभषेक मंडोली एवं कैलाश परगाई तथा गाइड रोहित शाह, बाछम गांव के निवासी जय सिंह एवं गंगा सिंह तथा जातुली के निवासी भागवत सिंह एवं शेर सिंह रेस्क्यू टीम में शामिल थे।

हिलवार्ता न्यूज डेस्क 

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