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आक्सीजन के बिना 10 बार everest फतह करने वाले sherpa angrita नहीं रहे

  • हिमालय पर पर्वतारोहण के शौकीन लोगों को चोटियों तक पहुचाने काम नेपाल के शेरपाओं के जिम्मे है  । अनगिनत बार हिमालय को लांघ चुके इन शेरपाओं (sherpa) में अनूठे  रिकार्डधारी sherpa angrita के बारे बुरी खबर आई है ।
  • Everest पर 10 बार एवेरेस्ट पर चढ़ने वाले अंगरिता को  योद्धा कहा जाए तो कोई गुरेज नहीं । उन्होंने आज  21 sep 2020 को दुनिया को अलविदा कह दिया । इन्हें हिम तेंदुवे के नाम से ख्याति प्राप्त हुई, अंगरिता ने लंबी बीमारी के चलते काठमांडू में अंतिम सांस ली । विश्व रिकार्ड धारी शेरपा अंगरिता (sherpaangrita)  10 बार एवरेस्ट पर बिना ऑक्सीजन के चढ़ाई कर यह साबित किया, कि भले ही संसार की सबसे ऊंची चोटी होने का गौरव एवरेस्ट चोटी के पास है,लेकिन एक योद्धा ऐसा भी है जो उसे बार बार लांघकर खुद एवरेस्ट की ऊँचाई के समकक्ष खड़ा दिखाई देता है ।
  • पर्वतारोहण में आँगरिता शेरपा का नाम एवरेस्ट से कम नहीं । आज पूरे नेपाल सहित दुनियां के पर्वतारोही गमजदा हैं ।
  • File photo AngReeta sherpa
  •  1948 में नेपाल में जन्मे शेरपा अंगरिता (sherpa angrita) ने 1983 में पहली बार एवरेस्ट फतह किया  ,उसके बाद उनका जुनून सर चढ़ गया आए उन्होंने 13 साल में 10 बार एवरेस्ट तक पहुच अपना नाम गिनीज बुक ऑफ रेकॉर्ड्स (Guinness records book )में दर्ज करवाया ।
  • उन्हें आफ टाइम क्लाइम्बिंग का मास्टर भी कहा जाता है । अमूमन मई जून को पर्वतारोहण के लिए मुफीद समय माना जाता है दुनिया के जितने भी पर्वतारोही इस शिखर तक पहुचे हैं वह यही समय है लेकिन अंगरिता ने नवंबर दिसंबर जिस समय बर्फ पढ़ने लगती उस समय भी दो बार एवरेस्ट फतह किया है जिस वजह उन्हें आफ टाइम क्लाइंबर भी कहा जाता है ।
  • नेपाल सहित दुनियां भर से शेरपा को श्रद्धांजलि संदेश आ रहे हैं सोशल मीडिया में आज शेरपा के देहावसान की सुर्खियां उनके चाहने वालों की तादात बताने के लिए काफी है ।
  • हिलवार्ता न्यूज डेस्क 
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