उत्तराखण्ड
देहरादून :एम्स ऋषिकेश से विवादित निदेशक डॉ रविकांत की विदाई । डॉ अरविंद राजवंशी को तीन माह तक निदेशक का चार्ज.पूरी खबर @हिलवार्ता
आखिरकार एम्स ऋषिकेश से प्रो रविकांत की विदाई हो ही गई । प्रो रविकांत ने 14 अप्रैल 2017 को एम्स निदेशक का पद सम्हाला । नियुक्ति को लेकर खूब बबाल हुआ । लेकिन केंद्र में ऊंची पहुच के चलते रविकांत पांच साल पूरा करने में कामयाब रहे ।
रविकांत पर एम्स में अपने रिश्तेदारों की नियुक्ति का आरोप है इससे पहले रविकांत पर किंग जार्ज मेडिकल कालेज में भी कई वित्तीय अनियमितता के आरोप लगे । उत्तर प्रदेश में कई बड़े भाजपा नेताओं से नजदीकी के चलते ही उन्हें ऋषिकेश का निदेशक बनाया गया । यहां आकर भी आदतन निदेशक पर लगभग पूर्व की तरह ही आरोप लगे । इधर नियुक्तियों में धांधली को लेकर उनके खिलाफ हाईकोर्ट में मामला लंबित है ।
डॉ रविकांत की विदाई जरूर हुई है लेकिन सवाल है कि उनके द्वारा की गई कथित धांधली की जांच होगी या उन्हें माफ कर दिया जाएगा । उत्तराखंड में विगत ऐसे कई मामले हैं जिनमे तमाम साक्ष्यों के वावजूद अपने आकाओं के संरक्षण में विवादित ,अधिकारी सुनसान चलते बने और उनका कुछ भी बाल बांका न हुआ । उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी ओपन यूनिवर्सिटी सहित कई विश्वविद्यालयों में अवैध तरीके से नियुक्तियों के मामले सर्वविदित हैं राजनीतिक संरक्षण में फलते फूलते उच्च पदों पर आसीन इन लोगों के खिलाफ आज तक कोई कार्यवाही नही हुई ।
एम्स में डॉ रविकांत के बाद एम्स रायबरेली के ईडी डॉ अरविंद राजवंशी को तीन माह के लिए निदेशक का चार्ज मिला है । स्थायी नियुक्ति तक उनके सामने कई चुनोतियाँ होंगी । आशा की जानी चाहिए कि नए निदेशक के नेतृत्व में राज्य का उच्च संस्थान साफ सुथरी व्यवस्था को पटरी पर लाकर उत्तराखंड के आम लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में कामयाब होगा ।
हिलवार्ता न्यूज डेस्क