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विकास के नाम पर अंधे हो रहे बुर्जुवा नेताओं को राह दिखाएंगे युवा देखें कैसे आइये पढ़ते हैं ।
- *जब दुनियां की अधिकांश सरकारें विकास की अंधी दौड़ में शामिल होकर पूरी दुनियां को लील जाने पर आमादा हों तब नई पीढ़ी की इस मुहिम को सराहा ही नही जाना चाहिए उन्हें समर्थन देने की जरूरत है ।
- धन वैभव पद प्रतिष्ठा सब छणिक चीजें है कार गाड़ी बंगला अच्छी सड़कें अच्छी शिक्षा के मायने तब हैं जब जीवन सुरक्षित हो ,युवा चाहते हैं उन्हें जीने के लिए स्वच्छ वातावरण चाहिए जिसे दिन पर दिन खराब किया जा रहा है उनको सांस लेने दिया जाय ऐसी योजनाएं बने जो जीवन के लिए अभिशाप ना होकर जीवन को स्वस्थ रखने में सहायक हों ।
- बीमार आदमी अस्पताल में जीवन से संघर्ष कर रहा हो उसे हम उसे लम्बा जीवन जीने के लिए स्वस्थ वातावरण के अलावा क्या दे सकते हैं जीवन को बचाने की मुहिम में हमारी महत्वाकांक्षी योजनाएं पूरे विश्व को नुकसान पहुचा रही हैं , साफ दिखता है वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं ने जरूरी को जानबूझ दरकिनार किया है केवल अपने फायदे के लिए प्रकृति प्रदत्त बहुत कुछ बर्बाद किया है।
- जब जीवन के जरूरी कारकों की तरफ नेताओं बुद्धिजीवियों द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा हो तब आने वाली पीढ़ी का अपने भविष्य की चिंताओं को लेकर झंडा उठा लेने का जज्बा सुकून देता है इतिहास गवाह है जब जब युवा खड़ा हुआ है तस्वीर और तकदीर बदली गई है उम्मीद की जानी चाहिए कि युवाओं की यह मुहिम विकास की अंधी दौड़ में शामिल बुर्जुवा राजनीति को राह दिखाएगी ।
- 15 मार्च को विश्व के 82 देशों के स्कूली युवा हड़ताल कर रहे हैं यह हड़ताल जीवन की सुखसुविधा प्राप्ति के लिए ना होकर जीवन को बचाने के लिए है जिसकी चिंता उनकी अग्रज पंक्ति को होनी चाहिए थी उसकी अनदेखी से आजिज अब खुद तैयार हो रहा है ।
- इस हड़ताल को स्वीडन की स्कूली छात्रा ग्रेटा थनबर्ग के प्रयास ने आज 82 देशों के युवाओं तक को एकत्र कर दिया है । युवा जलवायु परिवर्तन की अभी तक हुई कार्यवाही से नाखुश हैं ,युवा चाहते हैं देश पर्यावरण को बचाने को ठोस कदम उठाएं ।
- पिछले वर्ष ट्रेड टाक से चर्चाओं में आई 16 वर्षीय लड़की ग्रेटा थनबर्ग # फ्राइडे फ़ॉर फ्यूचर “मुहिम चला रही है जिसके बाद पूरे विश्व मे युवाओं ने इस मुहिम का हिस्सा बनना शुरू किया युवा इस हड़ताल में जाने की तैयारी की है
- जलवायु के लिए स्कूली हड़ताल ” संदेश को करोड़ों लोगों ने पसन्द किया है और इस बात की तारीफ हुई है कि नई पीढ़ी संवेदनशील मुद्दों पर एकत्र होकर अपने इर्द गिर्द हो रहे नुकसान की भरपाई के लिये खड़ी हो रही है , भारत मे भी इस मुहिम से बच्चे जुड़े हैं देखना होगा अपनी इस मुहिम से विकास की अंधी दौड़ में शामिल अंधी सरकारें बच्चों की इस मुहिम से कितना सबक लेती हैं ।
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