- अभी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने विंग कमांडर अभिनंदन को रिहा करने की बात की है , इमरान के इस कदम से युद्ध की स्तिथी से बचने के आसार बढ़ जाएंगे, जहां एक ओर अंतरराष्ट्रीय समुदाय इमरान के इस कदम की अलग अलग व्यख्या कर रहा है कुछ सराहना कर रहे है इसी तरह भारत मे कुछ इसे कूटनीतिक जीत मान रहे हैं वैसे भारतीय खेमे से इस पर प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है ।लेकिन इस बात पर जो भी प्रतिक्रिया आये यह जिनेवा कन्वेंशन का दबाव है कि कोई भी देश को यही करना होता है इसके उल्लंघन के बाद अंतरराष्ट्रीय आर्थिक दबाव करगिरल युद्ध के दौरान झेल चुका पाक इतनी नासमझी नही ही करता।
- इस बात को समझना जरूरी है कि पाकिस्तान आर्थिक संकट से गुजर रहा है ऐसे में वह युद्ध झेलकर और बर्बादी कतई नहीं चाहेगा ,और सच भी है कि कोई भी देश इस कार्यवाही से बचना ही चाहेगा क्योकि युद्ध के बाद हुए नुकसान का आकलन उसके हो जाने के बाद होता है
- अभिनंदन की रिहाई जिनेवा समझौते की मूल भावना को भी संरक्षित करती है जिससे कि अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन ना होता हो, चालीस जवानों की शहादत के बाद अंतरराष्ट्रीय दबाव भी था कि इस मसले को आगे बढ़ाना दोनो देशों के हित में नहीं है ।
- अभिनंदन की रिहाई के बाद राजनीतिक श्रेय लेने और नहीं लेने की बहसों का दौर दुबारा चलने के संकेत हैं जानकर मानते हैं कि चुनाव के चलते इस मुद्दे को उठाना इसके पक्ष विपक्ष में बात से जरूरी अभिनंदनकी रिहाई ज्यादा जरूरी है , इसके बाद भी देश की सीमाओं में सुरक्षा का खतरा बना रहेगा जिसकी उचित समीक्षा लगातार होती रहनी चाहिए
- बार बार हो रही सैनिकों की शहादत को रोकने के उपाय ढूढना देश की प्राथमिकता होनी चाहिए ,पुलवामा जैसे हमलों की पुनरावृत्ति ना हो इसके लिए जरूरी कदम उठाए जाने बहुत जरूरी है इस सारे घटनाक्रम के बाद एक जांबाज के वापस आने की खुशी में शोसल माध्यमों में खुशी का इजहार होने लगा है ।
Hillvarta. newsdesk