उत्तराखण्ड
Uttrakhand assembly election update : रामनगर से आखिर हटना पड़ा हरीश रावत को, अब लालकुआं से लड़ेंगे चुनाव, और भी सीटों की हो गई अदलाबदली, एक नजर पूरे घटनाक्रम पर@हिलवार्ता
भाजपा पर भारी दिख रही कांग्रेस को उस समय झटका लगा जब सब कुछ ठीक दिख रहा था । दूसरी लिस्ट जारी होते ही मानो बाजी पलट गई । यहां विरोध भाजपा की तरफ से नहीं कांग्रेस के ही लोगों का था । हरीश रावत और अभी उनके खास रहे रंजीत रावत के बीच रामनगर से चुनाव लड़ने को लेकर घमासान मचा । राज्य में चुनाव अभियान के प्रभारी का ऑडियो वायरल हुआ । शायद ही कभी ऐसा हुआ हो कि कथित ऑडियो में अभियान के मुखिया को सीधे जबाब मिला कि वह रणजीत रावत के लिए ही चुनाव में काम करेंगे । रामनगर में पांच साल से लगातार सक्रिय रहे रणजीत रावत के पक्ष में लोगों ने जबरदस्त लॉबिंग की कि चुनाव अभियान के प्रमुख के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई । इधर मामले की गंभीरता को समझते हुए दो दिन से टिकट बंटवारे को लेकर तरह तरह की बातें सोशल मीडिया में तैरते रही । आज देर शाम इस बात की खबर आई कि कांग्रेस के प्रदेश स्तर के नेताओं का इस घटना के बाद हुई फजीहत का एक ही उपाय है कि हरीश रावत का टिकट कहीं और से देखा जाए । रात्रि यह खबर कांग्रेस नेता धीरेंद्र प्रताप के फेसबुक से प्रसारित हुई कि अब हरीश रावत रामनगर नहीं बल्कि लालकुआं से लड़ेंगे ।
पहले लालकुआं से संध्या डालाकोटी को उम्मीदवार बनाया गया था यहां उनका भी पूर्व मंत्री दुर्गापाल और हरेंद्र बोरा द्वारा विरोध किया गया और दोनों के बीच इस बात की सहमति बनाई जा रही थी कि कांग्रेस के उम्मीदवार जे खिलाफ दोनों में एक निर्दलीय मैदान में होगा ।
अब यहां कांग्रेस के निर्णय के बाद यह आसान नही होगा कि संध्या टिकट मिलने और कटने के बाद क्या निर्णय करेंगी वहीं यह भी कि क्या दुर्गपाल और हरेंद्र हरीश रावत के पक्ष में आएंगे ? इधर आज हुए टिकटों की अदलाबदली में कालाढूंगी से महेश शर्मा जबकि यहां पूर्व में घोषित महेंद्र पाल रामनगर से जबकि रामनगर से उम्मीदवारी कर रहे रणजीत सिंह रावत सल्ट से कांग्रेस की नैया पार लगाने मैदान में होंगे ।
अब देखना होगा कि तीन दीनी इस कवायद का कांग्रेस के भीतर चल रहे घमासान का पटाक्षेप होता है कि कुछ नया डेवलपमेंट देखने को मिलता है । नामांकन को दो दिन का समय शेष है देखना होगा कि हरीश रावत लालकुआं में कितनी जल्दी डेमेज कंट्रोल कर जीत के लिए किस तरह की रणनीति अख्तियार करते हैं । और कांग्रेस के चुनाव अभियान को सत्ता तक पहुचाने में किस कदर कामयाब होते है ।
हिलवार्ता न्यूज डेस्क