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केंद्र ने कहा लाकडाउन के चलते फसे लोग जा सकेंगे अपने गृह राज्य.लागू होंगी कुछ शर्तें। राहत भरी खबर पढ़ें @हिलवार्ता
केंद्र ने आज अलग अलग राज्यों में फसे लोगों को अपने घर वापसी की इजाजत देने की बात कही है जल्द इस पर फैसला होने की उम्मीद बन गई है आज हुई बैठक में कहा गया है कि लंबे समय से फसे लोगों को अगर राज्य अपने गृह राज्य वापस लाना चाहते हैं तो इजाजत दी जा सकती है साथ ही यह भी कहा है कि इस मसले पर राज्य सहमति बना लें । अगर राज्यो में सहमति होती है तो लाखों की संख्या में फसे प्रवासी मजदूर,सैलानी,छात्र और तीर्थयात्री अपने घर जा सकेंगे
गृह मंत्रालय ने आज निर्देश जारी कर कहा है कि छात्र मजदूर सैलानी तीर्थाटन पर गए लोग अपने राज्य वापस जा सकते हैं ।बशर्ते उनको सोशल डिस्टेंसिनग का ध्यान रखना होगा। और बाहर से आये लोगों को राज्य के अंदर जरूरत के हिसाब क्वारेन्टीन किया जाए ।जिन बसों , वाहनों से उनको ले जाया जाता है उसे सनीटाइज किया जाना आवश्यक किया जाय ।
आदेश आज से लागू हैं। हालांकि, गृह मंत्रालय की इस गाइडलाइन में छूट सिर्फ ग्रीन जोन में मिलेगी या ऑरेंज या रेड जोन में भी, इसे लेकर कोई भी जिक्र नहीं किया गया है। माना जा रहा है कि रेड जोन के अलावा ग्रीन और ऑरेंज जोन से लोगों को ले जाने में किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी । लंबे समय से राज्य अपने लोगों को वापस लाने को केंद्र से आश में थे आज कुछ शर्तों के साथ आदेश जारी हो गए । जिससे फसे हुए लोगों को राहत मिलेगी ।
पूरे दिशा निर्देश इस प्रकार है
No.40-3 / 2020-DM-I (ए) भारत सरकार के गृह मंत्रालय उत्तर ब्लॉक, नई दिल्ली -110001 दिनांक 29 अप्रैल, 2020 आदेश गृह मंत्रालय के आदेशों की निरंतरता में क्रमांक 4040 / 2020- DM-I (A) दिनांक 15 अप्रैल, 2020, 16 “अप्रैल, 2020, 19 अप्रैल 2020, 21” अप्रैल 2020 और 24 “” अप्रैल 2020 और शक्तियों के प्रयोग में, धारा 10 (2) (1) के तहत प्रदान की गई आपदा प्रबंधन अधिनियम, अधिनियमित, अध्यक्ष के रूप में उनकी क्षमता में, राष्ट्रीय कार्यकारी समिति, इसके तहत भारत सरकार के मंत्रालयों / विभागों, राज्य / संघ राज्य सरकारों और राज्य / संघ द्वारा कड़ाई से कार्यान्वयन के लिए समेकित संशोधित दिशानिर्देशों में निम्नलिखित शामिल करने के आदेश हैं। क्षेत्र अधिकारी: उप-खंड (iv) खंड 17 के तहत व्यक्तियों के आंदोलन पर: iv। लॉकडाउन के कारण, प्रवासी श्रमिक, तीर्थयात्री, पर्यटक, छात्र और अन्य व्यक्ति विभिन्न स्थानों पर फंसे हुए हैं। उन्हें निम्न के रूप में स्थानांतरित करने की अनुमति दी जाएगी: ए। सभी राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को नोडल अधिकारियों को नामित करना चाहिए और ऐसे फंसे व्यक्तियों को प्राप्त करने और भेजने के लिए मानक प्रोटोकॉल विकसित करना चाहिए। नोडल अधिकारी अपने राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में फंसे व्यक्तियों को भी पंजीकृत करेंगे। ख। यदि फंसे हुए व्यक्तियों का एक समूह एक राज्य / केन्द्र शासित प्रदेश और दूसरे राज्य / केंद्रशासित प्रदेश के बीच जाना चाहता है, तो भेजने और प्राप्त करने वाले राज्य एक-दूसरे से परामर्श कर सकते हैं और सड़क से आंदोलन के लिए सहमत हो सकते हैं। सी। चलते हुए व्यक्ति की जांच की जाएगी और जो पाए गए, उन्हें अप्राकृतिक रूप से आगे बढ़ने दिया जाएगा। घ। व्यक्तियों के समूहों के परिवहन के लिए बसों का उपयोग किया जाएगा। बसों को सुरक्षित किया जाएगा और बैठने में सुरक्षित सामाजिक सुरक्षा मानदंडों का पालन किया जाएगा। इ। पारगमन मार्ग पर पड़ने वाले राज्य / केंद्र शासित प्रदेश ऐसे व्यक्तियों को प्राप्त राज्य / संघ राज्य क्षेत्र में जाने की अनुमति देंगे। च। अपने गंतव्य पर पहुंचने पर, ऐसे व्यक्ति (ओं) का मूल्यांकन स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा किया जाएगा, और उन्हें घर संगरोध में रखा जाएगा, जब तक कि मूल्यांकन के लिए व्यक्ति को संस्थागत संगरोध में रखने की आवश्यकता न हो। उन्हें समय-समय पर स्वास्थ्य जांच के साथ रखा जाएगा। इस प्रयोजन के लिए, ऐसे व्यक्तियों को आरोग्य सेतु ऐप का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है, जिसके माध्यम से उनकी स्वास्थ्य स्थिति की निगरानी और पता लगाया जा सकता है, गृह संगरोध पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MOHFW) के दिशानिर्देश, दिनांक 11.03.2020 को संदर्भित किए जा सकते हैं।
हिलवार्ता न्यूज डेस्क