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जैसा व्यवहार आप खुद के लिए चाहते हैं वैसा ही दूसरों संग भी करें । विज्ञान के साथ संस्कृत जरूरी ,संस्कृत के श्लोक से मस्तिष्क में न्यूरॉन्स को फायदा होता है किसने कहा आइये पढ़ें ।
- हल्द्वानी एम बी इंटर कालेज मैदान को सफेद टेंट से चकाचक सजाया गया है स्टेज के तो क्या कहने स्टेज के बीचों बीच एक लंबा रेम्प बना हुआ है जिसमे लंबे फूलदान हैं जिनमे हजारों गुलाब की पंखुड़िया सजाई गई हैं स्टेज के बाई ओर गायन के लिए माइक लगे हैं वादन के इंस्ट्रूमेंट हैं रेम्प के बाएं और दाये दोनो ओर कमसे कम दो तीन हजार कुर्सियां लगी हैं
छोटे उम्र के बच्चे आगंतुकों को उनके पास के अनुरूप जो पीले लाल हरे रंग में शायद बाटे हैं, अलग अलग जगहों पर बैठने के लिए कह रहे हैं कुछ अंग्रेजी में फर्राटेदार वेलकम वाले सह्रदय तो कुछ बहुत ही सख्त मतलब आपके कार्ड ना दिखाने पर सीधे गेट तक पहुचाने को आतुर । मंच के बाई ओर पहली पंक्ति में सफेद कवर्ड कुर्सियां लगी हैं उस दो तीन रो को कोई नाम नहीं दिया गया है - उसके पीछे वाली रो का नाम अनन्य भक्त लिखा था यह डी रो है इसके पीछे सी रो है जिसमे आमंत्रित अतिथि लिखा गया है ।पीछे बैठे कुछ लोग चर्चा कर रहे थे कि पहली पंक्ति में शहर के अतिविशिष्ठ लोग आएगे । धीरे धीरे लोग आते गए पंक्तियों के हिसाब से वोलेंटियर्स उनकी यथा स्थान बैठाते रहे देखते देखते चार बज गए ।
इस कार्यक्रम का समय ठीक चार बजे ही था सब पहले से ज्यादा एक्टिव हो गए हैं दर्शक दीर्घा में खुसुर फुसुर सुरु हो रही है कोई कह रहा है आ गए कोई आने वाले हैं , इसी बीच कोई बाहरी कलाकार एक श्री गणेश जी का भजन प्रस्तुत कर दिए हैं उन्होंने पंडाल के दोनों तरफ लोगों से साथ मे गाने को कहा सभी हल्की हल्की आवाज ने गुनगुनाने लगते हैं माहौल अचानक भक्तिमय होने लगता है तभी नेब संस्था के बच्चों ने एक सुंदर गीत सुनाया ,इसी बीच सबकी नजर स्टेज की तरफ टिक सी जाती है - एक दुबला पतला सा शरीर उड़े उड़े से केस सफेद पतली पतलून सी धोती और सफेद कुर्ता दाढ़ी में जो शक्श सामने है वही आज के कार्यक्रम के विशिष्ठ व्यक्ति हैं जिनका नाम श्री श्री रवि शंकर है जी हाँ आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री के आते ही सब खड़े हो गए हैं ।
श्री श्री ने सभी का अभिवादन किया जैसा कि किसी भी जगह जाने से पहले वहाँ की भौगोलिक संस्कृतिक जीवन के बारे में चर्चा की । जैसे उत्तराखण्ड सुंदर है नदियां पहाड़ और यहाँ की भूमि आध्यत्मिक है। उसके बाद संबोधन करते हुए उन्होंने कहा कि अपने ही अंदर के प्रकाश ढूढने की जरूरत है जो हर व्यक्ति में मौजूद है इसे जलाने की जरूरत है उन्होंने जोड़ा कि भारत की संस्कृति विश्व मे सर्वश्रेष्ठ है हमें अपनी प्राचीन सभ्यता को सवारने सुधारने की आवश्यकता है उन्होंने विज्ञान को जितना जरूरी कहा उतना ही संस्कृत को उन्होंने कहा कि यह सिद्ध कर दिया गया है कि संस्कृत पढ़ने से मस्तिष्क मे मौजूद न्यूरॉन्स जाग्रत होते हैं इसलिए विज्ञान के साथ आध्यत्म की भी बराबर की जरूरत है । साथ ही यह भी कि जीवन मे हर परिस्तिथि में मन का संतुलन जरूरी है विरोध में समता बनाये रखना जरूरी है हर व्यक्ति जिस तरह का है उसे वैसे ही स्वीकार करे दूसरे के भला बुरा कहने का कोई फर्क नही रखना ही जीवन की सार्थकता है । वर्तमान में जीना है बीती बातों को याद करना मूर्खता की निशानी है मन को सकारात्मक बातों की तरफ ले जाएं सकारात्मकता ही शरीर की इम्युनिटी को बढ़ाती है वहीं दूसरी ओर नकारात्मक विचार बीमारियों को जन्म देती हैं किसी भी प्रकार की भूल को ठीक करना चाहिए , इससे संबंधों में विकार खत्म किये जा सकते हैँ दुसरो से वैसा ही व्यवहार करें जैसा हम अपने लिए चाहते है बस ऐसे काम करें जिनसे हमेशा सकारात्मक ऊर्जा बढे । प्रतिदिन पांच लोगों को फ़ोन कॉल, ट्वीटर का उपयोग कर अच्छा संदेश दें - सवा सौ करोड़ लोगों की मूल भावना आध्यात्मिक है जिसका प्रचार प्रसार करना आर्ट आफ लिविंग के उद्द्येश्य हैं बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है योग स्वावलंबन से स्वरोजगार की तरफ बढेगा युवा, भारत सबसे युवा देश है इसको स्वावलंबी बनाना उनका सपना है श्री श्री ने कहा जनसंख्या अभिशाप नही है लेकिन विस्तार से नहीं बताया कि क्यों नही है उन्होंने रोजगार पर बात की कहा कि किसी से रोजगार की बात ना करें स्वावलंबी बनें इसी में सबकी भलाई है कहा कि उनकी संस्था गावों तक पहुचना चाहती है जहाँ से युवाओं को वह स्किल्ड कर विदेशो तक भेजने में मदद करेंगे उन्होंने संस्था द्वारा जापानी सहित अन्य लेंग्वेज में प्रशिक्षण देने की बात की ।अपने संबोधन को विराम देने से पहले उन्होंने चुटकी ली कहा वैज्ञानिक कहते हैं 10 मिनेट बाद अटेंसन स्पेन कम हो जाता है । इस पर लोगों ने ठहाके लगाए । इसी बीच एक योग अभ्यास भी हुआ जिससे वहाँ उपस्थित जनता ने परफॉर्म किया जिसमे गर्दन के दर्द को ठीक करने की एक्सरसाइज हुई गुरुजी ने पूछा कि आराम हुआ सबने एक स्वर में कहा हां ।
- उन्होंने कहा स्वच्छता पर विशेष ध्यान रखें अपने शहर का ख्याल रखें इसे हाल ही में जारी सूची ने स्थान दिलाएं ।
- शहर के मेयर श्री जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला और श्री रमेश पाल , श्री कालाकोटी ने अतिथि का माला से स्वागत किया , पहली पंक्ति पर शहर के बड़े व्यापारी गणमान्य वयक्ति ,स्कूलों के प्रधानाचार्य/ प्रबंधक /जन प्रतिनिधि बैठे थे, पीछे तक श्री श्री को सुनने देखने आई शहर की जनता जनार्दन.
- उनके पीछे बहुत सारे स्कूली बच्चे जो श्री श्री को देखने फ़ोटो खींचने बारबार रेम्प की तरफ भाग वापस कुर्सियों पर बैठ रहे थे । कुछ विशेष लोग कैमरों में खुद को कैद कर लिए जाने को न्योछवर भी समर्पित भी । हौले हौले लोग घर की तरफ निकलने लगे हैं श्री जी के अनुयायियों में अपने गुरु को घेर कर आशीर्वाद लेने की होड़ लगी है सभी जल्द घर की ओर निकल पड़े हैं ।
- Hill varta desk
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