उत्तराखण्ड
उत्तराखंड : लोकनिर्माण विभाग के 303 कनिष्ठ अभियंता (संविदा) हड़ताल पर जाएंगे, कइयों को आठ माह से मानदेय नहीं मिला,पूरी खबर@हिलवार्ता
उत्तराखंड में अब कनिष्ठ अभियंता अपनी मांगों को लेकर मुखर हो गए हैं । संविदा पर कार्यरत 303 लोकनिर्माण विभाग के अभियंताओं ने सरकार से मांगों पर गौर न करने और स्थायी किये जाने को लेकर विगुल बजा दिया है । कनिष्ठ अभियंता इस बात से नाराज हैं कि वर्ष 2008 से आज तक सैकड़ों कनिष्ठ अभियंताओं से सरकारों ने बराबर का काम लिया । बमुश्किल गुजर बसर कर रहे इन लोगों को स्थायी करना तो अन्य विभागों में रखे गए अभियंताओं के बराबर मानदेय तक नही दिया जा रहा है ।
विभाग में 303 जेई कई सालों से संविदा पर हैं जिनमे से कई अब अन्य जगह नियुक्ति हेतु ओवर ऐज हो चुके हैं । विभाग द्वारा संविदा पर नियुक्त इन 303 कनिष्ठ अभियंताओं को बिना मेडिकल सुविधा बिना किसी फण्ड सुविधा के केवल 24000 रुपये मानदेय पर रखा है । जबकि सड़क पुल सहित विभाग के अधिकतर कामों को कनिष्ठ अभियंता विभाग के समकक्ष जेई के बराबर करते आए हैं ।
कनिष्ठ अभियंताओं का कहना है कि प्रदेश के दुरस्त क्षेत्रों में विकास की योजनाओं में तन मन से कार्य कर रहे हैं । कई बार अपनी समस्याओं को लेकर लोकनिर्माण मंत्री मुख्यमंत्री से मिल चुके हैं लेकिन सरकार उनकी समस्याओं का निराकरण नही किया गया ।
कनिष्ठ अभियंताओं ने अपनी मांगों को लेकर 9 जनवरी 2021,3 अगस्त और 20 सितम्बर 2021 को लोकनिर्माण मंत्री और मुख्यमंत्री से मुलाकात कर आर्थिक संकट से जूझ रहे कर्मचारियों की सुध लेने की गुहार लगाई लेकिन सरकार द्वारा कोई निर्णय नही लिया गया । लिहाजा लोकनिर्माण विभाग में कार्यरत कनिष्ठ अभियंताओं को क्रमबद्ध आंदोलन में जाने के शिवा कोई रास्ता नही दिखाई देता ।
संगठन ने अपने ज्ञापन में कहा है कि सरकार की अपेक्षा झेल रहे अभियंता 11 नवम्बर से कार्यबहिष्कार 13 और 14 नवम्बर को प्रदेश के 13 जिला मुख्यालयों में चेतावनी प्रदर्शन और शांतिपूर्ण हड़ताल करेंगे । संगठन ने कहा है कि उनकी मांगों पर विचार नहीं किए जाने की स्थिति में 15 नवम्बर से पूर्ण हड़ताल पर चले जायेंगे ।
संगठन के कुमायूँ मंडल अध्यक्ष संदीप तिवारी ने हिलवार्ता को बताया कि 303 अभियंताओं में से कई को बिगत आठ माह से तय वेतन तक नहीं मिला है । अभियंताओं के परिवार भयंकर आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं । सरकार को अभियंताओं की जायज मांगों पर यथोचिय निर्णय करना चाहिए ।
हिलवार्ता न्यूज डेस्क
