उत्तराखण्ड
उत्तराखंड: नियोजन समिति के चुनाव न कराए जाने पर प्रदेश के जिलापंचायत सदस्य नाराज, एक नवम्बर से काला फीता बांध करेंगे विरोध, और भी बहुत,पढिये@हिलवार्ता
पिथौरागढ़,
उत्तराखंड में 12 जिलो में जिला नियोजन समिति ( डीपीसी ) के चुनाव विगत दो साल से लटके हैं । नियोजन समिति गठित न होने के कारण पंचायत स्तरीय क्रियाकलापों के निस्तारण लटके हुए हैं । अब चुनाव कराने की मांग होने लगी है । उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के प्रदेश अध्यक्ष ने चुनाव को लेकर तीखी टिप्पणी की है और मांग की है कि अवलंब चुनाव कराए जाएं ।
अध्यक्ष जगत मर्तोलिया ने चुनाव कराने की मांग को लेकर कहा है कि लगातार चुनाव टाले जाने से जिलापंचायत सदस्य आहत हैं लिहाजा एक नवम्बर को राज्य के सभी जिला पंचायत सदस्य लेफ़्ट बाँह में काला फीता बांधकर विरोध जताएंगे। मर्तोलिया ने कहा कि नियोजन समिति में नौकरशाही हावी हो चुकी है, जिससे जिपं सदस्य बेहद नाराज चल रहे है।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने आज प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर चरणवद्ध आंदोलन की घोषणा की। मर्तोलिया ने कहा कि अभी प्रदेश आपदा की चपेट में है, इसलिए संगठन ने शांतिपूर्ण आंदोलन की रूप रेखा तय की है । सरकार कतई चुनाव टालने की कोशिश न करे । उन्होंने मांग पूरी न होने पर कड़े निर्णय लेने की बात कही है ।
ज्ञात रहे कि दो साल से नियोजन समिति के चुनाव लंबित है। नाराज जिलापंचायत सदस्य सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि विधान सभा के दो उपचुनाव कोविड काल में सम्पन्न कराए जा सकते हैं,नेताओं की सभाओं में भीड़ आ जा सकती है पार्टियों के कार्यक्रमो में हजारो लोग शामिल हो रहे है। लेकिन जिला नियोजन समिति के चुनाव नही हो सकते हैं ? जबकि इन चुनावों में हर जिले में पचास से कम की संख्या में मतदान करना है।
मर्तोलिया ने कहा कि सरकार डीपीसी का गठन करने से कतरा रही है।
मर्तोलिया ने कहा कि जिला नियोयन समिति के चुनाव को नये सिरे से जल्द कराए जाएं , जिन लोगों ने नामांकन दाखिल किया था, उसे मान्य करते हुए नये नामांकनो को भी अवसर प्रदान किया जाए ।
मर्तोलिया ने कहा कि नियोजन समिति को जिलाधिकारी तथा सरकार के जिले के प्रभारी मंत्री के हवाले कर दिया गया है। नौकरशाही तथा सत्ताधारी मंत्री तो जिपं सदस्यो से जिला प्लान के लिए सुझाव तक नहीं ले रहे है।
मर्तोलिया ने कहा कि प्रदेश में आपदा की भीषण विभिषिका के कारण संगठन ने एक नवम्बर को काला फीता बाधंने का निर्णय लिया है। उसके बाद भी सरकार नहीं मानी तो हम सड़को में उतरकर उग्र आंदोलन करने की घोषणा करेंगे। मर्तोलिया ने कहा कि सरकार हमें मजबूर न करें हम मुख्यमंत्री का भी घेराव करने से भी नहीं चूकेंगे ।
हिलवार्ता न्यूज डेस्क