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कुमाउँनी प्रसिद्ध कवि शेरदा अनपढ़ को साहित्य जगत ने दी श्रद्धांजलि,आठवी पुण्यतिथि पर विशेष@हिलवार्ता
आज कुमाउँनी कवि, व्यंगकार,भाषा मर्मज्ञ स्व.शेरदा अनपढ़ की आठवीं पुण्य तिथि पर कला साहित्य से जुड़े लोगों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है । शेरदा का जन्म 3 अक्टूबर 1933 को अलमोड़ा के निकट माल गांव में हुआ बाद में उन्होंने हल्द्वानी में अपना घर बना लिया, 20 मई 2012 को इस साहित्य साधक ने संसार को अलविदा कहा ।
शेरदा अनपढ़ के नाम से मशहूर हुए शेर सिंह बिष्ट, शेरदा 1962 से कला साहित्य की सेवा में जुट गए । और यह शिलशिला मंचीय प्रस्तुतियों गोष्ठियों परिचर्चाओं से लेकर दूरदर्शन और रेडियो तक पहुँचा ,जिसने ग्रामीण प्रष्ठभूमि वाले एक सरल इंसान को अपने एक कवि कथाकार के रूप में स्थापित किया ।
उन्होंने दीदी बैणि,मेरीलटपटि,जांठीक घुंघरू,फचेक,और शेरदा समग्र,आदि रचनाओं का लेखन किया, 70 के दशक में शेरदा रेडियो पर छा जाने वाले बेहतरीन कलाकार थे,उनके व्यंग किस्से कहानियां पर्वतीय समाज के दिलो दिमांग में छा गए,उनके व्यंग में समाज के लिए किसी न किसी रूप में मेसेज होता था ।
उनकी दो कैसेट भी उत्तराखंड के जनमानस के मन मस्तिष्क में छाई रही जिसमे एक हसणकि बहार, और पंच म्याव बहुत प्रसिद्ध हुई शेरदा की लोकप्रियता का यह आलम था कि कवि सम्मेलनों में उन्हें सबसे अंत मे जानबूझकर बुलाया जाता कि उनके पहले आ जाने पर श्रोता मैदान छोड़ न दें, उनमें गजब की सम्प्रेषण क्षमता थी उन्हें सुनने लोग घण्टों इंतजार करते थे। 20 मई 2012 को उन्होंने इस संसार को अलविदा कह दिया ।
कथाकार लेखक प्रो लक्षमण सिंह बटरोही, उत्तराखंड राज्य गीत के लेखक उद्घोषक हेमंत बिष्ट डॉ श्रीमती भगवती पनेरू सहित कई साहित्यकारों ने उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की है ,उनकी जीवन यात्रा पर अपने संस्मरण साझा किए हैं।
शेरदा अनपढ़ को दर्जन भर से अधिक पुरुष्कारों से नवाजा गया जिसमें कुमाउँनी साहित्य सेवा सम्मान,हिंदी संस्थान से सम्मान,उमेश डोभाल समृति सम्मान,प्रमुख हैं कुमायूँ विश्वविद्यालय में शेरदा की कविताएं पढ़ाई जाती है साथ ही उनकी कविताओं साहित्य पर कई शोध किये जा चुके हैं । कुमाउँनी इस प्रसिद्ध कवि रचनाकार को हिलवार्ता की भावभीनी श्रद्धांजलि।
शेरदा के बेटे श्री आंनद बिष्ट और उनकी बहू शर्मिष्ठा चक्रवर्ती बिष्ट ने उनकी याद में एक वीडियो क्लिप जारी किया है जिसमे उनकी जीवन यात्रा का वर्णन है आपके अवलोकनार्थ ..
ओ पी पांडेय @हिलवार्ता
एडिटर्स डेस्क