उत्तराखण्ड
उत्तराखंड: कुमाऊँ के दो युवा डॉक्टर आज चर्चा के केंद्र में रहे,दोनों ने मदद को हाथ बढ़ा, मानवता की मिशाल पेश की । रिपोर्ट @हिलवार्ता
आज कुमायूँ के दो युवा डॉक्टर्स ने अपने अपने तरीके से सुर्खियां बटोरी । एक ओर जहां काशीपुर निवासी डॉक्टर परितोष जोशी ने एक रुपया लेकर मरीज की जान बचाई वहीं हल्द्वानी के डेंटिस्ट अतुल चौहान ने डीडीहाट में चल रहे फुटबाल टूर्नामेंट में प्रतिभागियों के लिए खेल सामग्री 5000 हजार रुपये नकद ही नहीं 200 की संख्या में दांत साफ करने के लिए ब्रश भी मुहैया कराए .दोनों युवा डॉक्टरों को आज सोशल मीडिया में सुर्खियां मिली हैं ।
पहला मामला काशीपुर का है यहां निजी प्रैक्टिस कर रहे आवास विकास निवासी प्रतिष्ठित डॉक्टर बीसी जोशी के पुत्र डॉक्टर परितोष जोशी पीजीआई चंडीगढ़ से पल्मोनरी डिजीज में पीजी हैं ।
आज अपराह्न एक मजदूर के बेटे को अचानक अस्थमैटिक अटैक आया आनन फानन में उसे पास के अस्पताल में ले जाया गया वहां डॉक्टरों ने उच्च सेंटर जाने को कहा । मजदूर के लिए यह संकट था कि बेटे को कैसे भी प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध हो जाए किसी ने उन्हें डॉक्टर जोशी के अस्पताल जाने को कहा । मरीज को डाक्टर जोशी के यहां लाकर पिता ने कहा कि वह मजदूर है वह बेटे को लेकर आया है ,उसके पास इलाज के लिए पैसे नहीं हैं । अस्पताल कर्मियों ने जब यह बात डॉक्टर तक पहुचाई तो डॉ परितोष ने बिना किसी बात के उसकी प्राथमिक चिकित्सा शुरू कर दी और कहा कि वह किसी तरह का शुल्क नहीं लेंगे ।
डॉक्टर परितोष ने बताया कि उन्होंने एक रुपया भी इसलिए लिया कि मरीज को न लगे कि उस पर किसी तरह की कृपा की गई है । परितोष ने कहा कि उन्होंने अपने पिता की तरह इस क्षेत्र में इसीलिए आना उचित समझा कि वह किसी की सहायता कर सकें ।
ज्ञात रहे कि कोविड के दौरान अकेले काशीपुर की कमान अपने हाथ रखी बताते चलें कि स्थानीय सामाजिक संगठनों सहित आईएमए काशीपुर ने उनकी मेहनत को बहुत सराहा । युवा डॉक्टर ने मरीज की मदद की यही नहीं उसके ठीक होने तक निशुल्क चिकित्सा का वादा भी किया ।
इधर डीडीहाट में एक पखवाड़े से फुटबाल टूर्नामेंट चल रहा था जिसका आप समापन हुआ । इस फुटबाल टूर्नामेंट में जे एम एस क्लब डीडीहाट ने ए एफ सी पिथौरागड़ को हरा कर फाइनल जीता और इस वर्ष का कप अपने नाम किया । इसी टूर्नामेंट को मदद के लिए हल्द्वानी के डॉक्टर अतुल चौहान आगे आए उन्होंने प्रतियोगी खिलाड़ियों को खेल सामग्री के साथ पांच हजार रुपये की आर्थिक मदद पहुचाई डॉ चौहान ने कहा कि डीडीहाट से उन्होंने पढ़ाई की है इसलिए उन्हें लगा कि अगर आप सक्षम हैं तो अपने गांव की किसी भी तरीके से मदद को आगे आना ही चाहिए । उन्हें अच्छा लगा कि उनकी छोटी भेंट से स्थानीय ख़िलाड़ियाँ में उत्साह बढ़ेगा । डॉ चौहान कहते हैं कि आप जहां जिस स्थिति में हैं अपने गांव और उभरती प्रतिभाओं के पक्ष में आना ही चाहिए जिससे आपको थोड़ा संतुष्टि लेकिन प्रतिभगियों को हौसला मिलता है ।
हिलवार्ता न्यूज डेस्क