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केंद्र और राज्य सरकारें मजदूरों और उनके परिवार के लोगों को उनके घर तक पहुंचाने तक मुफ्त यात्रा, आश्रय और भोजन की सुविधा दें,सुप्रीम कोर्ट.
तमाम तरह की परेशानियां झेल रहे मजदूरों के लिए आज देश के सर्वोच्च न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लेकर केंद्र सरकार व सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी कर इस पर गुरुवार तक जवाब देने का आदेश दिया है.
भरी गर्मी पैदल चल रहे मजदूर तमाम तरह की दिक्कतों से जूझ रहे हैं मीडिया रिपोर्ट्स से संज्ञान ले आज कोर्ट ने कहा कि केंद्र और राज्य मजदूरों की देखरेख का इंतजाम करें ।
माननीय कोर्ट ने माना है कि घरों को वापस जा रहे हैं मजदूरों की मदद के लिए केंद्र और राज्य सरकार के इंतजाम नाकाफी हैं कहा कि पैदल चल रहे मजदूरों को उनके घर तक छोड़ने की व्यवस्था राज्य सरकारों और केंद्र को तुरंत करनी चाहिए साथ ही उनके भोजन की व्यवस्था का भी जिम्मा सरकार का है जिसे पूर्ण किया जाना चाहिए यही नही उनको घर छोड़ने के लिए किसी तरह का किराया भाड़ा नही लेने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा ऐसे मजदूरों और उनके परिवार के लोगों को उनके घर तक पहुंचाने तक मुफ्त यात्रा, आश्रय और भोजन की सुविधा प्रदान करने के लिए तत्काल उपाय किए जाने की आवश्यकता है.
सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर दोबारा सुनवाई गुरुवार को करेगा ।सुनवाई जस्टिस अशोक भूषण जस्टिस संजय किशन कौल जस्टिस एमआर शाह की बेंच द्वारा की गई ।
मीडिया में आ रही खबरों को आधार बनाकर स्वतः संज्ञान ले आज कोर्ट ने साहसिक निर्णय किया । दरदर की ठोकरें खा रहे मजदूरों के लिए यह देर सबेर राहत भरी खबर है ।
हिलवार्ता न्यूज डेस्क