Uncategorized
एसएसजे परिसर में पढ़ाई लिखाई कम,अराजकता ज्यादा,कुलपति को भेजा ज्ञापन,पढ़ें @हिलवार्ता
किसी जमाने मे अलमोड़ा परिसर पढ़ाई के लिए बेहतरीन केम्पस के रूप में जाना जाता रहा है राज्य बनने के बाद इन परिसरों में सरकारी दखल किस कदर हावी हुआ है इसे हालिया विवादों से समझा जा सकता है परिसरों में छात्रों के गुट होना आम बात थी अब बताया जा रहा है कि केम्पस में अध्यापकों के भी कई गुट हैं जिनको अलग अलग स्तर पर राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है इसी के चलते हालिया दो माह के भीतर एक निदेशक को अपने पद से हटना पड़ा और दूसरे अस्थाई निदेशक को भी पद से त्यागपत्र की नौबत आन पड़ी बताया जा रहा है कि अभी उन्हें किसी तरह पद पर बने रहने को कहा गया है तब जाकर बात संभली है ।
एस एस जे परिसर अलमोड़ा में पढ़ाई लिखाई चौपट हो गई है अधिकांश पढ़ने वाले बच्चे जिले के गांवों से पढ़ने आते हैं कालेज पहुँचकर पता चलता है कि आज पढ़ाई नहीं होगी । अचानक परिसर बंद करवा दिया जाता है अराजकता इस कदर कि कॉलेज प्रशासन बदल जाने के बाद भी परिसर में एक छात्र संगठन रोज बबाल कर पढ़ाई में व्यवधान पैदा करता है जिसकी खिलाफत आज परिसर के अस्थाई निदेशक के समक्ष की गई और परिसर में पढ़ाई के उचित मौहोल को सुनिश्चित करने हेतु कुलपति को ज्ञापन भी दिया गया । यह कहना है परिसर के छात्र नेता गोपाल मोहन भट्ट और एनएसयूआई के जुड़े छात्रों का ।
ज्ञात रहे कि पूर्व परिसर निदेशक प्रो पथनी और वर्तमान छात्र संघ अध्यक्ष के बीच विवाद पुलिस तक पहुचा इसके बाद छात्रों के दबाव में प्रो पथनी को निदेशक पद से पदच्युत होना पड़ा। मामला यहीं नही रुका इसके विरोध में परिसर के प्रशासनिक पद सम्हाल रहे अध्यापकों ने उनके समर्थन में सभी पदों से इस्तीफा कुलपति को सौंप दिया । तत्काल प्रो जगत सिंह बिष्ट को निदेशक की अस्थाई व्यवस्था देखने के आदेश हुए। अब बताया जा रहा है कि उनकी भी खिलाफत शुरू हो गई है एक छात्र गुट जोकि सरकार का समर्थक गुट है वह अपने कुछ चहेते प्राध्यापकों को इस कुर्सी पर लाना चाहता है जबकि इस तरह की किसी गुटबाजी से हालांकि निदेशक इनकार करते हैं ,लिहाजा रोज कुछ न कुछ आरोप प्रत्यारोप के बीच कालेज की पढ़ाई में व्यवधान हो रहा है वह मानते जरूर हैं ।
एनएसयूआई ने परिसर में प्रशासनिक स्तर पर कार्यों और शैक्षणिक वातावरण बहाल करने के लिए कुलपति को पत्र भेजा है और मांग की है कि अवलंब उनकी मांगों का निष्पादन नहीं किया गया तो छात्र 15 जनवरी से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जायेंगे । जैसा कि ज्ञात हुआ इधर कल एक बार फिर छात्र नेताओं की परिसर निदेशक से झड़प हुई जिसके बाद निदेशक ने पद छोड़ने की इच्छा जाहिर कर दी थी। इस संबंध में परिसर निदेशक ने हिलवार्ता से बात की है, निदेशक ने बताया कि छात्रनेताओं के व्यवहार से परीक्षाओं और पढ़ाई में व्यवधान हो रहा है इस बाबत अंतिम चेतावनी दे दी गई है कि यदि अब इस तरह की अराजकता की कोशिश की गई तो वह किसी का भी निलंबन करने से पीछे नहीं हटेंगे ।प्रो बिष्ट ने कहा कि किसी भी हालत में परिसर का शैक्षणिक माहौल खराब नहीं होने दिया जाएगा । छात्र संघ अध्यक्ष से उनका पक्ष जानने की कोशिश की गई लेकिन उनसे बात नही हो पाई है । जो भी है पढ़ाई में व्यवधान न हो इसकी जिम्मेदारी ले उचित माहौल विकसित करना विश्वविद्यालय प्रशासन की जिम्मेदारी है और समय के साथ उचित व्यवस्था की जानी चाहिए कि अलमोड़ा परिसर में सब जल्द ठीक हो ,आम छात्रों को पढ़ाई में व्यवधान न हो यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
हिलवार्ता न्यूज डेस्क