अंतरराष्ट्रीय
विशेष रिपोर्ट : चीन में बढ़ रही है प्राचीन भारतीय योग की लोकप्रियता, चीन से पत्रकार अनिल आजाद पांडे की रिपोर्ट,पढ़िए @हिलवार्ता
भारत मे चीनी मार्शल आर्ट वुशु (कुंगफू ) काफी पहले आ गया चार दशकों से इसकी लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि इस खेल की प्रतियोगिताओं का आयोजन भी होने लगा । चीन में वुशु को युद्ध कौशल , आत्मरक्षा और फिटनेस के लिए आवश्यक व्यायाम का दर्जा हासिल है । वुशु स्कूल कॉलेज और बौद्ध मठों का आवश्यक नित्य कर्म है । लेकिन अब वहां भारतीय योग के प्रति भी आकर्षण बढ़ रहा है । योग भारतीय प्राचीन जीवन पद्यति का अंग है जिसे अब ग्लोबलाइजेशन के माध्यम से वैश्विक पहचान मिल रही है चीन में योग की वर्षगाँठ तक मनाई जा रही है । पिछले कई वर्षों से चीन में सेवारत पत्रकार अनिल आजाद पांडे ने चीन में योग की बढ़ती लोकप्रियता पर रपट जारी की है । आइये पांडे ने अपने fb ac में जो बताया जानते हैं उन्ही के शब्दों में ……
चीन में योग की लोकप्रियता, वीयोगा ने मनायी वर्षगाँठ
By Anil pandey,Beijing
चीन में योग लगातार लोकप्रिय हो रहा है। चीनी युवाओं, खासकर महिलाओं में योग के प्रति बहुत आकर्षण देखा जा सकता है। यही कारण है कि यहां नियमित रूप से लाखों लोग योग अभ्यास करते हैं। जाहिर है कि चीनी नागरिक अपने स्वास्थ्य व सुंदरता को लेकर बहुत सजग हैं। इस दौरान यहां कई योग केंद्र भी खुल चुके हैं। रविवार को इसी तरह पेइचिंग स्थित वीयोगा एकेडमी की पांचवीं वर्षगांठ मनायी गयी। इस मौके पर बड़ी संख्या में योग प्रेमी और योगाभ्यास करने वाले पहुंचे।
इस कार्यक्रम में न केवल वर्षों से योग से जुड़े लोग पहुंचे, बल्कि योग से हाल में रूबरू हुए युवा भी शामिल हुए। इस दौरान चीनी व विदेशी योग उत्साहियों ने योग अभ्यास का शानदार प्रदर्शन किया। इसके बाद लकी ड्रा के जरिए पुरस्कार बांटे गए और लोगों ने भारतीय स्नैक्स, मिठाई व चाय आदि का मज़ा लिया। एक तरह से यह समारोह चीनी योग प्रेमियों और भारतीय लोगों के मिलन का केंद्र भी बना। लोगों ने आशा जतायी कि कोरोना महामारी जल्द से जल्द खत्म होगी और वे फिर से भारत घूमने जा सकेंगे।
इस अवसर पर प्रसिद्ध ब्रांड लुलू लैमन की कंट्री एंबेसडर व योगा प्रमोटर लिन मिन ने लोगों को ध्यान कराया और योग के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी। जबकि ब्लॉगर व लुलू लैमन की एंबेसडर ई नोंग और लुलू लैमन के स्टोर मैनेजर जेसन ने व्यायाम और योग से होने वाले फायदों के बारे में अपने विचार रखे।
इस मौके पर वीयोगा के संस्थापक आशीष बहुगुणा ने बातचीत में कहा कि योग चीन और भारत के रिश्तों को जोड़ने में अहम भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि चीनी लोग बहुत गंभीरता व लगन से योग की विभिन्न क्रियाओं को सीखते हैं। इसके साथ ही वे भारतीय संस्कृति और इतिहास के बारे में भी रुचि रखते हैं। आशीष ने उम्मीद जतायी कि आने वाले समय में चीन-भारत संबंध बेहतर होंगे। जिससे दोनों देशों के बीच आदान-प्रदान बढ़ेगा।
वहीं 25 वर्षों से योग शिक्षक रहे गंगाजी बताते हैं कि चीन में रहते हुए उन्होंने महसूस किया है कि चीनी लोग योग को आत्मसात कर रहे हैं। वे योग से जुड़ी हर छोटी-छोटी जानकारी हासिल करना चाहते हैं। इस तरह चीन में योग का भविष्य बहुत उज्जवल दिखता है।
गौरतलब है कि चीन के तमाम शहरों में योग व भारतीय संस्कृति से लगाव रखने वाले लोगों की संख्या बहुत है। हाल के दिनों में यहां योग करने वालों की तादाद में इजाफा हुआ है। जिस तरह से कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया को परेशान किया है, ऐसे में सभी ने खुद को स्वस्थ बनाए रखने का महत्व अच्छी तरह से समझा है। क्योंकि योग से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, और मन भी स्वस्थ होता है। ऐसे में लोग अधिक से अधिक लोग योग व व्यायाम करने पर ध्यान देने लगे हैं।
चीनी लोगों में योग को लेकर बढ़ते उत्साह को देखते हुए कहा जा सकता है कि योग चीन भारत रिश्तों को बेहतर बनाने में पुल का काम कर रहा है। उम्मीद की जानी चाहिए कि दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले दो देशों के बीच निकटता आएगी, ऐसा होना ही सभी के हित में है।
(सभी फ़ोटो अनिल आजाद पांडे की वाल से साभार )
हिलवार्ता न्यूज डेस्क