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उत्तराखण्ड

Uttarakhand : पुष्कर सिंह धामी होंगे राज्य के बारहवें मुख्यमंत्री, कई दावेदारों के वावजूद कैसे बदले समीकरण, क्या होंगी आगे चुनौतियाँ,आइये समझते हैं@हिलवार्ता

देहरादून : राज्य को बारहवें मुख्यमंत्री के रूप में पुष्कर सिंह धामी की ताजपोशी हुई है । धामी का मुख्यमंत्री के रूप में चयन राज्य के कई राजनीतिक समीकरणों को ध्यान में रखकर किया गया है । तमाम कयासों के बीच राजनीतिक समीकरणों की बात की जाए तो पुष्कर सिंह धामी पहले से ही चर्चा में चल रहे अन्य नामों से आगे चल रहे थे । आखिरकार हिलवार्ता की खबर पर आज शाम मुहर लग गई । समीकरणों के लिहाज से धामी की मुखिया के रूप में तैनाती तय थी । केवल गुटबाजी की वजह उनकी राह में रोड़ा था जिसे कल शाम दिल्ली में निपटा लिया गया । विश्वस्त सूत्रों से जानकारी जुटाकर हिलवार्ता ने इस बात को कल ही पुख्ता कर दिया था कि धामी इस रेस में नम्बर आगे चल रहे हैं ।

प्रातः राज्यपाल द्वारा प्रोटेम स्पीकर के रूप में कालाढूंगी नैनीताल से विधायक वंशीधर भगत को शपथ दिलाई गई । अपराह्न प्रोटेम स्पीकर द्वारा 69 विधायकों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई गई । दिन भर रही गहमागहमी के बीच केंद्रीय पर्यवेक्षक सहित धामी विधायकों के बीच शाम बैठक में शामिल हुए जहां सर्वसम्मति से उनके नाम पर बारहवें मुख्यमंत्री के रूप में मुहर लगी ।

देर शाम प्रदेश अध्यक्ष द्वारा राज्यपाल को भाजपा द्वारा सरकार बनाए जाने का पत्र सौपा गया जिसमें पार्टी ने राज्यपाल को अवगत कराया कि भारतीय जनता पार्टी के विधायकों द्वारा पुष्कर सिंह धामी का नाम नेता सदन के रूप में सर्वसम्मति से स्वीकार किया है ।

पुष्कर सिंह धामी पिछली विधानसभा में लगभग 7 माह बतौर मुख्यमंत्री रहे । देवस्थानम बोर्ड भंग करना उनकी बड़ी उपलब्धि रही । लेकिन 2022 विधानसभा चुनाव की अगुवाई कर रहे धामी अपनी सीट खटीमा से चुनाव हार गए ।

चुनाव में धामी द्वारा जहां चुनाव हारना उनके आड़े आ रहा था लेकिन जिस तरह उन्होंने बतौर प्रमुख कम्पैन किया और पार्टी ने बड़ी जीत हासिल की उन्हें दरकिनार करना आसान नही था । धामी को चूंकि केंद्रीय नेतृत्व बड़ी फजीहत के बाद सामने लाया और उन्हें युवा मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट किया । जिसे जीत का बड़ा कारण माना गया । इसके अलावा क्षेत्रीय समीकरण भी धामी के पक्ष में गए । दो दिन पहले तक तमाम समाचार माध्यमो में अलग अलग नामों पर चर्चाएं चल रही थी । आखिरी राज्य की कमान धामी को सौपने का कल शाम ही केंद्रीय नेतृत्व ने मन बना लिया इस तरह धामी राज्य के बारहवें सी एम होंगे यह देहरादून आकर राजनाथ सिंह और मीनाक्षी लेखी द्वारा विधायकों के बीच साझा की गई  ।

हालांकि भाजपा राज्य में भारी बहुमत से चुनाव जीती है । लेकिन धामी के लिए पांच साल चुनोतियाँ कम नहीं होंगी । पहला चुनाव के दौरान किए गए वादों पर खरा उतरना , दूसरे राज्य के भीतर पलायन बेरोजगारी, स्वास्थ्य शिक्षा की दशा दिशा में सुधार करना और नाराज कर्मचारियों की मांग पर यथोचित निर्णय लेने की चुनोती सहित भू कानून बनाना शामिल है । इसके साथ ही पार्टी के भीतर गुटबाजी से निपटान भी बड़ा मसला,और राज्य की स्थायी राजधानी का मुद्दा अहम रहेगा ।

हिलवार्ता न्यूज डेस्क 

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