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उत्तराखण्ड

Uttrakhand:हिमांचल की तर्ज पर राज्य में ग्रीन सेस लगाए जाने की जरूरत, बेतहासा पर्यटक,धार्मिक टूरिस्म प्राकृतिक संसाधनों पर भारी,पढ़ें@हिलवार्ता

उत्तराखंड में भी हिमांचल की तर्ज पर लगे ग्रीन सेस । जी हां सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल ने ट्वीट कर सरकार को सुझाव दिया है कि राज्य में वित्तीय घाटे से निजात पाने और बेतहासा वाहनों की आवाजाही से हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए राज्य में ग्रीन सेस लगाया जा सकता है ।

कोविड के बाद गत वर्ष हिमांचल उत्तराखंड की तरफ बेतहासा टूरिस्ट आ रहा है । हिमाचल में चूंकि दिल्ली पंजाब और हरियाणा से गत वर्ष आई भीड़ ने राज्य के स्थानीय संसाधनों पर अत्यधिक बोझ पड़ा । लगभग सभी टूरिस्ट स्पॉट्स पर टनों कूड़ा प्लस्टिक कचरा जमा हो गया जिसके बाद सरकार जागी । 12 सितंबर 2021 को हिमाचल सरकार ने राज्य में ग्रीन सेस लगाने की घोषणा की । सरकार ने बताया कि ग्रीन सेस से मिलने वाले राजस्व से इंफ्रास्ट्रक्चर को और दुरुस्त किया जाएगा साथ ही टूरिस्म भी सुगम बनाया जाएगा ।

उत्तराखंड में भी हिमाचल की तर्ज पर गत दो वर्षों में टूरिस्ट की भारी भीड़ आ रही है । आए दिन नदियों और तीर्थस्थलों में कूड़ा एकत्र हो रहा है । लगभग सभी सड़कों शहरों में जाम अलग से ।

राज्य में आ रहे टूरिस्ट द्वारा कई जगहों पर अराजकता की शिकायतें मिलने के बाद उत्तराखंड पुलिस को ऑपरेशन मर्यादा चलाना पड़ा है । राज्य में ऑपरेशन मर्यादा के तहत कई लोगों को हिदायत देकर तो कई का चालान कर छोड़ा गया है ।

सामाजिक कार्यकर्ता रतन सिंह असवाल ने भी ग्रीन सेस लगाए जाने की जरूरत बताई है असवाल का कहना है कि राज्य भारी आर्थिक बोझ तले दबा है साथ ही बेतहासा टूरिस्म राज्य की प्राकृतिक संपदा पर विपरीत असर डाल रहा है लिहाजा इसके नियंत्रण की महती जरूरत है । सरकार को ग्रीन सेस लगाए जाने पर मंथन करना चाहिए जिससे कि राज्य में राजस्व में बृद्धि के साथ सेफ टूरिस्म के कांसेप्ट को बढ़ावा मिल सके ।

हिलवार्ता न्यूज डेस्क की रिपोर्ट

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