सोशल मीडिया
हल्द्वानी: रामलीला कमेटी बचाओ संघर्ष समिति की दो टूक, जांच संग चुनाव की घोषणा करे प्रशासन.अनशन जारी.पूरा पढ़िए @हिलवार्ता
हल्द्वानी बुद्ध पार्क में रामलीला कमेटी बचाओ संघर्ष समिति के आंदोलन के तेरहवें दिन आज प्रशासन की नींद खुली और सिटी मजिस्ट्रेट ने अनशन स्थल पर जाकर जिला प्रशासन का कमेटी विवाद के वावत निर्णय का खुलासा किया,आंदोलनकारियों ने जिला प्रशासन द्वारा सुझाये सुझावों पर लिखित मांगने की बात पर वार्ता का निष्कर्ष अटक गया है लिहाजा संघर्ष समिति ने ठोस निर्णय लेने तक आंदोलन जारी रखने का एलान किया है.
संयोजक संतोष कबड़वाल ने बताया कि आंदोलन के तेरहवें दिन नगर मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह ने आज अनशन स्थल पर पहुंचकर आंदोलनकारियों से वार्ता की है और बताया कि संघर्ष समिति की घोटाले का खुलासा से संबंधित मांग मानकर जिलाधिकारी सविन बंसल ने उच्चस्तरीय जांच कमेटी का गठन किया है. लिहाजा आंदोलन को समाप्त किये जाने को कहा है.
संतोष कबड़वाल का कहना है चूंकि उनकी मांग केवल कमेटी में हुए घोटाले की जांच तक ही सीमित नहीं है उनकी प्रमुख मांग जांच संग कमेटी के चुनाव कराने को लेकर भी है.जिस वावत वार्ता में किसी तरह का आश्वासन उन्हें नहीं मिला है.
उन्होंने कहा कि जो भी कार्यवाही प्रशासन करे उसे लिखित में देना चाहिए,जो नहीं किया गया है,साथ ही कहा है कि संघर्षरत सभी आंदोलनकारियों ने एकमत होकर आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है.बताया कि कल रविवार शाम 07 बजे बुद्ध पार्क से नगर मजिस्ट्रेट कार्यालय तक मशाल जुलूस का कार्यक्रम तय किया गया है और जनता से निवेदन किया है कि सत्य और न्याय की इस लड़ाई में अपना समर्थन देंवे.संघर्ष समिति ने मांगों के समर्थन में हस्ताक्षर अभियान भी चलाया है स्थानीय कॉलेजों और महाविद्यालय में इस मुहिम को संघर्ष समिति के सदस्य चला रहे हैं./em>
ज्ञात रहे कि कमेटी के घोटाले की जांच और चुनाव करवाने को लेकर संतोष कबड़वाल,मदन मोहन जोशी,दीप्ती जोशी,हीरा सिंह कोरंगा एक के बाद आमरण अनशन पर बैठे और इन सभी को पुलिस द्वारा जबरन उठाकर अस्पताल भर्ती कराया जा चुका है,जैसे ही पुलिस कारवाही कर रही है आमरण पर नया सदस्य बैठ जा रहा है इसी क्रम में अभी हेमंत गुप्ता आमरण अनशन पर बैठे हैं.अनशन स्थल पर आंदोलनकारियों को स्थानीय समर्थन मिल रहा है इसलिए प्रशासन के लिए यह मामला सुलझाना आवश्यक हो गया है इसी को देखते हुए आज वार्ता की कोशिश हुई.अब गेंद पुनः जिलाधिकारी के पाले में हैं, देखना होगा कि किस तरह जिलाधिकारी इस आंदोलन का हल ढूढ़ पाते हैं.
हिलवार्ता न्यूज डेस्क
@hillvarta. com