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मादक पदार्थ सेवन और तस्करी निषेध को रैली, लेकिन रुक नहीं रही तस्करी,आंकड़े चिंताजनक,पूरा पढ़िए@हिलवार्ता
भारत सरकार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय हर साल अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ सेवन और तस्करी निरोध दिवस के रूप में मनाता है जन जागरूकता के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होते है इस साल भी आज जवाहर लाल नेहरू मैदान में एक रन आयोजित की गई.
सूचना के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ सेवन और तस्करी निरोध दिवस’पर पिछले 16 वर्षों से एक वार्षिक कार्यक्रम के रूप में‘मादक पदार्थ निरोध रन’का सफल आयोजन किया जा रहा है,भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के इस आयोजन में 1992 की एशियाई मैराथन चैंपियन डॉ. सुनीता गोदारा सहयोगी हैं, एनआईएसडी,नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो,दिल्ली सरकार के निषेध निदेशालय जैसी शीर्ष एजेंसियों के साथ संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियां और ओएनजीसी, गेल,इंडियन ऑयल, आईजीएल, पेट्रोनेट, एनडीएमसी, आईटीएस, एलपीयू जैसी साझेदार कंपनियां इस वार्षिक आयोजन में सहयोग करते हैं.
जन जागरूकता जरूरी है लेकिन इससे तस्करी पर कितनी रोक लग पाई यह देखना जरूरी है विगत वर्षों में 2017-2018 में उत्तराखण्ड में ही एनडीपीएस के मामलों पर नजर डालें तो आपकी आँख खुली रह जाएगी,राजधानी देहरादून नशे की गिरफ्त के मामलों में पहले उधमसिंह नगर जिला दूसरे नंबर पर है इधर पर्वतीय क्षेत्रों से लगातार आ रही खबरे चिंताजनक है पढ़ाई के लिए राज्य से बाहर जा रहे कतिपय युवा ड्रग्स का शिकार हो रहे हैं उनमें से ही कुछ युवा इस कारोबार का हिस्सा बन पर्वतीय क्षेत्रों में पकड़े भी गए है.
वर्ष 2017 में प्रदेश में 1037 मामले एनडीपीएस में दर्ज हुए और 1091 गिरफ्तारियां हुई जबकि 2016 में इसी अपराध में 631 मामले और गिरफ्तारियां 672 हुई 2018 आते आते 1 जनवरी से 31 मई तक 572 मामले दर्ज हुए इस साल का और वर्ष 2019 का जोड़कर देखा जाय तो राज्य में इन मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है । युवा पीढ़ी को इस लत से बचाने की पुरजोर कोशिश की जरूरत है,जिसमे अभी विभाग और सरकार की कोशिशें नाकाफी दिखती है.
हिलवार्ता न्यूज डेस्क
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