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उत्तराखण्ड

प्रोफेसर सुरेश चंद्र पंत बने उच्च शिक्षा निदेशक.राज्यपाल की संस्तुति से जारी किया पदोन्नति का नियुक्तिपत्र, पूरा पढ़िए@हिलवार्ता

प्रोफेसर सुरेश चंद्र पंत उच्च निदेशक बनाये गए हैं प्रोफेसर पंत पिछले छः माह से बतौर प्रभारी निदेशक कार्यभार सम्हाले हुए थे पिछली 6 तारीख को डीपीसी के बाद सरकार को पूर्णकालिक तीन हप्ते से ज्यादा जबकि पूर्णकालिक निदेशक की नियुक्ति में पुरे छह माह लग गए जबकि उत्तराखंड में चल रही परंपरा के अनुसार राज्य में सीनियर मोस्ट प्रोफेसर की नियुक्ति ही होती आई है पंत राज्य में इस पद पर सबसे सीनियर प्रोफेसर हैं इसलिए प्रोफेसर पंत को ही निदेशक पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा था.
ज्ञात रहे उत्तराखंड की उच्च शिक्षा पिछले छः माह से प्रभारी निदेशक के सहारे चल रहा थी,इस देरी पर कई तरह के सवाल उठ रहे थे.इस बीच नेक की टीम ने महाविद्यालयों का निरीक्षण करने पहुची, कई महाविद्यालयों में छात्र आंदोलन हुए, पूर्णकालिक निदेशक नहीं होने की वजह इन मामलों से निपटने में निदेशालय को निर्णय लेने में दिक्कत आ रही थी आज प्रदेश की राज्यपाल ने विभाग के पदोन्नति निर्णय पर मुहर लगाते हुए प्रोफेसर सुरेश चंद्र पंत को निदेशक पद पर नियुक्ति का पत्र जारी कर दिया है.
प्रोफेसर सुरेश चंद्र पंत मूल बेरीनाग हाल हल्द्वानी निवासी हैं पंत की प्रारंभिक शिक्षा जीआई सी बेरीनाग,उच्च शिक्षा डीएसबी परिसर नैनीताल से हुई है प्रोफेसर पंत ने वर्ष 1974 में बनस्पति विज्ञान विषय मेंं एम. एस .सी .के बाद राजकीय महाविद्यालय टिहरी में प्रवक्ता बनस्पति विज्ञान के तौर पर अध्यापन शुरू किया गढ़वाल विश्वविद्यालय से प्रोफेसर एस सी तिवारी के निर्देशन में पारिस्थिकी और पर्यवरण विज्ञान में पीएचडी हासिल की.
प्रोफेसर पंत ने वर्ष 1975 -77 तक टेहरी, कोटद्वार 1980 से 1989तक राजकीय महाविद्यालय गोपेश्वर,89 से 1996 तक बागेश्वर,1996 से 2009 तक जिसमे 2 वर्ष राधे हरि महाविद्यालय काशीपुर में बतौर रीडर/ प्राचार्य अपनी सेवाएं दी हैं, वर्ष 2009 में उन्हें राजकीय महाविद्यालय गैरसैण का प्राचार्य का पदभार मिला,वर्ष 2011 से फरवरी 2019 तक प्रो.पंत ने राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बागेश्वर के प्राचार्य का पद सम्हाला.प्रोफेसर पंत 28 फरवरी 2019 से बतौर प्रभारी निदेशक निदेशालय में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
हिलवार्ता से संछिप्त वार्ता मेँ उन्होंने बताया कि उनकी प्राथमिकता बतौर निदेशक समस्त महाविद्यालयों में बेहतर पढ़ाई का माहौल विकसित करना है,छात्र शिक्षक अनुपात में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए उपयुक्त मंच पर प्रयास करेंगे,शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की नियुक्ति की कोशिश करेंगे, परीक्षाओं को त्रुटि विहीन साफ सुथरा बनाना/महाविद्यालयो में पढ़ाई के लिए आवश्यक संसाधनों की कमी को दूर करना प्राथमिकता में होगा.
हिलवार्ता न्यूज डेस्क
@hillvarta.com

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