उत्तराखण्ड
Uttarakhand : राज्य में प्रचार थमा, पांच साल बाद power वापस मिली मतदाता को, 14 फरवरी करेगी फैसला.अब तक के चुनाव प्रचार पर विस्तृत रिपोर्ट @हिलवार्ता
आज चुनाव प्रचार के आखरी दिन भाजपा कांग्रेस आमआदमी पार्टी सहित सपा बसपा उपपा यूकेडी और निर्दलीयों ने खूब मेहनत की । राज्य में आखरी चरण में आयोग ने चुनावी रैलियों से रोक हटा ली थी लिहाजा कई स्थानों पर बड़ी रैलियां की गई ।
राज्य में जहां कांग्रेस भाजपा सहित आम आदमी पार्टी सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ रही है । वहीं यूकेडी 56 सीट पर चुनाव मैदान में है । राज्य में संयुक्त वाम मोर्चा के आधा दर्जन उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं ।
जबकि उपपा 8 सीटों पर चुनाव मैदान में है । वहीं सपा ने राज्य 30 एवम बसपा ने 37 उम्मीदवार मैदान में उतारे ।
राज्य में कुल 23 दलों ने अपने उम्मीदवार इस चुनाव में उतारे हैं इनमें पांच रास्ट्रीय जबकि 18 पंजीकृत ग़ैरमान्य दल हैं । इन सभी के मिलाकर कुल 632 प्रतियाशी मैदान में हैं । कुल 632 उम्मीदवारों में 155 निर्दलीय मैदान में हैं । निर्दलीय स्थानीय मुद्दों और स्वयं के बूते चुनाव मैदान में डटे रहे ।
राज्य में चुनाव प्रचार के लिए जहां भाजपा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह,अमित शाह,स्मृति ईरानी,मनोज तिवारी,योगी आदित्य नाथ शिवराज सिंह चौहान हिमंत विश्वा, दुष्यंत गौतम वीके सिंह जैसे नेताओं ने प्रचार कर वोट मांगे ।
वहीं कांग्रेस के स्टार प्रचारक राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, आचार्य प्रमोद कृष्णन,रणदीप सिंह गुरजेवाला, देवेंद्र यादव ,सहित दर्जन भर बड़े नेताओं ने जनता से समर्थन मांगा ।
आमआदमी पार्टी के लिए अरविंद केजरीवाल, गोपाल राय, मनीष सिसोदिया सहित एक दर्जन नेताओं ने अलग अलग क्षेत्रों में जाकर चुनाव प्रचार कर समर्थन हासिल करने की कोशिश की ।
वहीं क्षेत्रीय दलों में उपपा के पीसी तिवारी, प्रभात ध्यानी, कुलदीप मधवाल सहित पार्टी नेताओं ने भी अपने अपने उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान की अपील की ।
यूकेडी के काशी सिंह ऐरी,दिवाकर भट्ट, त्रिवेंद्र सिंह पंवार,पुष्पेश त्रिपाठी, नारायण सिंह जंतवाल सहित एक दर्जन नेताओं ने अपने प्रतियाशियों के लिए समर्थन मांगा ।
राज्य में सपाराज्य में वाम मोर्चा भी आधा दर्जन से अधिक सीटों पर चुनाव मैदान में है जिसके लिए विजय रावत राजा बहुगुणा इंद्रेश मैखुरी कैलाश पांडे पुरुषोत्तम शर्मा बहादुर सिंह जंगी गिरिजा पाठक सहित बड़े नेता अपने उम्मीदवार के पक्ष में जनसमर्थन हासिल करने के लिए प्रचार कर चुके हैं ।
बसपा प्रतियाशी भी अपने दमखम के बल पर ही चुनाव मैदान में डटी रही । दोनों दलों के बड़े नेताओं ने यूपी चुनाव में व्यस्तता और राज्य में दोनों दलों की स्तिथि को देखते हुए खास तवज्जो नही दी।एम एआई एम का भी कोई बड़ा प्रचारक उत्तराखंड नहीं पहुचा ।
हालांकि कांग्रेस भाजपा और आप ही अपने बड़े नेताओं के सहारे बड़ी भीड़ जुटाने और रैलियां करने में सफल हुए हैं । लेकिन आज तक की स्थिति में यह भीड़ सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस आप सहित अन्य के पाले में कितना वोट परिवर्तित करेगी कहना मुश्किल है ।
राज्य में अधिकांश मतदाता महगाई बेरोजगारी, बदहाल शिक्षा चिकित्सा जैसे मुद्दों से जूझ रहा है । अब देखना होगा कि राज्य के मतदाता पर इन स्टार प्रचारकों के भाषणों का असर होता है या वह अपनी मूलभूत समस्याओं को नजर में रख अपने मताधिकार का प्रयोग करता है ।
हिलवार्ता न्यूज डेस्क