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Dehradun:उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने जारी किया घोषणा पत्र,पूर्वोत्तर राज्यों की तरह धारा 371 के संवैधानिक प्राविधानों के अंतर्गत विशेष संरक्षण देने का अभियान चलाएगी उपपा,पूरा पढ़ें @हिलवार्ता
देहरादून : उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने आज अपना घोषणा पत्र जारी किया और कहा कि उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी ही राज्य के सपनों को साकार कर सकने वाला दल है । लिहाजा उसके प्रतियाशियों को विजयी बनाएं । आगे पढ़िए पूरा संकल्प ( घोषणा पत्र )
देहरादून में आज उत्तराखण्ड परिवर्तन पार्टी की राजनीतिक समिति की ओर से पार्टी के केन्द्रीय अध्यक्ष पी0सी0 तिवारी, राजनीतिक समिति के सदस्य कुलदीप मधवाल ने पार्टी का संकल्प पत्र (घोषणा पत्र) जारी किया। अस्थाई राजधानी में रिस्पना पुल स्थित पार्टी कार्यालय से जारी घोषणा पत्र में उपपा ने राज्य में भूमाफियाओं पर लगान लगाने के लिए त्रिवेन्द्र सरकार द्वारा बनाये गये भूमि खरीद कानून को निरस्त करने, पूर्वोत्तर राज्यों की तरह धारा 371 के संवैधानिक प्राविधानों के अंतर्गत विशेष संरक्षण देने का अभियान चलाने की घोषणा की, असीमित कृषि भूमि की खरीद के कानून को निरस्त करने, कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल करने का समर्थन करती है और साथ ही गोल्डन कार्ड के नाम पर चल रही लूट का पुरजोर विरोध करती है।
केन्द्रीय अध्यक्ष पी0सी0 तिवारी ने कहा कि उपपा राज्य की अवधारणा को साकार करने हेतु उत्तराखण्ड में सरकार द्वारा दी गई जमीनों के उपयोग के समझौते का दुर्पयोग करने पर उस भूमि को सरकार के पक्ष में जब्त करायेगी तथा इन घोटालों में शामिल राजनेताओं/अधिकारियेां पर कानूनी कार्यवाही कराना भी सुनिश्चित करेगी।
संकल्प पत्र में सबको समान रूप से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य की सुविधा दिये जाने तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सुदृढ़ करते हुए भ्रष्टाचार मुक्त करने, पर्वतीय क्षेत्रों में आजीविका का मुख्य आधार रही खेती किसानी को पुर्नजीवित कर आवारा और जंगली जानवरों से खेती की रक्षा को सुनिश्चित करना और रोजगार की ठेका प्रथा समाप्त करने, भोजनमाताओं, आगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों, ग्राम प्रहरी, होमगार्ड जैसे सभी सरकारी तथा अर्धसरकारी विभागों, निगमों में प्रत्येक कर्मी को न्यूनतम मानदेय 21000रू0 दिये जाने का प्रबल समर्थन करती है।
उपपा ने काम के मूल अधिकारों को मूल अधिकार में शामिल करने और हर बेरोजगार को योग्यतानुसार काम अथवा सम्मानजनक बेरोजगारी भत्ता सुनिश्चित करने एवं राज्य के सैकड़ों वन गांवों को मूलभूत सुविधाओं के साथ अधिकार संपन्न बनायेगी। उपपा ने कहा कि पंचायती व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए उन्हें केन्द्र तथा राज्य सरकारेां की तरह ग्राम क्षेत्र एवं जिला सरकारों का दर्जा देना, क्षेत्र प्रमुखों व जिला पंचायत अध्यक्षों का चुनाव सीधे जनता के द्वारा करने की पक्षपाती है।
उपपा ने अपने संकल्प पत्र में उत्तराखण्ड जैसे संवेदनशील हिमालयी क्षेत्रों में विनाशकारी योजनाओं पर रोक लगाने एवं जनभागीदारी से विकास की प्रक्रिया निर्धारित करना सुनिश्चत करेगी। उपाा ने कहा कि वह जन्म से होने वाले भेदभाव के खिलाफ है व गरीबों, वंचितों, फड़-रेड़ी विक्रेताओं, दिव्यांगो के लिए गरीमापूर्ण जीवन व नागरिक अधिकारों की सुरक्षा की गारन्टी करेगी और राज्य की क्षेत्रीय अस्मीताओं से खिलवाड़ करने वाली राजनीतिक षडयंत्रों का पूरी तरह मुकाबला करेगी। संकल्प पत्र में कहा गया है कि उपपा दूषित तथा धनतंत्र पर आधारित चुनाव में आमूल चूल परिवर्तन करने के लिए संघर्ष जारी रखेगी।
उपपा का संकल्प पत्र (घोषणा पत्र) जारी करते हुए केन्द्रीय अध्यक्ष पी0सी0 तिवारी, कुलदीप मधववाल ने कहा कि उपपा उत्तराखण्ड में सामाजिक, राजनीतिक परिवर्तन व व्यवस्था परिवर्तन के साथ क्षेत्रीय अस्मिता के लिए लड़ने वाली एक मात्र विश्वसनीय क्षेत्रीय पार्टी है जिसके नेतृत्व में उत्तराखण्ड राज्य के आंदोलनों के सपनों को साकार किया जायेगा.
हिलवार्ता न्यूज डेस्क