Connect with us

उत्तराखण्ड

सोचनीय विषय : स्कूल खुले एक माह बीता सीमांत जिले के कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों को नहीं मिली किताबें, खबर @हिलवार्ता

पिथौरागढ़।
नए शिक्षा सत्र को शुरू हुए एक माह का समय बीतने को है, अभी तक कक्षा 1 से 8 तक के बच्चों के लिए सरकार द्वारा निःशुल्क दिए जाने वाली किताबें नहीं पहुंच पाई है। सीमान्त जनपद में अभी तक किताब न मिलने की वजह अभिवावक परेशान हैं । अभिवावकों का कहना है कि समय पर किताब न मिलने की वजह बच्चे परेशान तो हैं ही इस वजह बच्चों के पठन-पाठन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

सरकारी उदासीनता से जिले के पंचायत प्रतिनिधि आक्रोशित हैं । आज जिलाधिकारी को ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने मांग की है कि एक सप्ताह के भीतर किताबें नहीं आई तो ब्लॉक मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने बताया कि सरकार द्वारा राजकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8 तक के बच्चों को निशुल्क किताबें, वेशभूषा दी जाती है। शिक्षा सत्र शुरू हुए एक माह का समय बीतने में कुछ ही दिन शेष बचे है, अभी तक इन बच्चों को किताबें उपलब्ध नहीं हो पाई है। लोग काफी समय से समस्या के निराकरण हेतु गुहार लगा रहे हैं लेकिन सुनवाई नही हो रही है ।

मर्तोलिया ने कहा कि यह बात भी सामने आ रही है कि सरकार ने इस बार किताबें उपलब्ध कराने के लिए किसी एजेंसी को तय किया है। जबकि पहले किताब खरीदने के लिए भी छात्रों के खातों में पैसे दिए जाते थे। अभी किसी भी विद्यालय में यह सूचना नहीं पहुंची है कि इस बार किताबें मिलेंगी या खाते में धन आएगा। सरकार की उदासीनता के कारण राजकीय विद्यालयों में अभी तक विधिवत रूप से पढ़ाई लिखाई शुरू नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा कि देरी की वजह कई अभिवावक  बच्चों के दबाव में बजार से किताबें भी खरीदने को मजबूर हो रहे है।
अभी भी अधिकांश गरीब अभिभावक सरकार की ओर आसावान है कि उन्हें किताबें मिलेंगी।

उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन के प्रदेश अध्यक्ष तथा जिला पंचायत सदस्य जगत मर्तोलिया ने आज प्रदेश के मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।और अविलम्ब कार्यवाही की मांग की ।उन्होंने कहा कि  सरकारी स्कूलों के प्रति सरकार की उदासीनता कई तरह के प्रश्न पैदा कर रही है ।  सरकार जानबूझकर गरीब परिवारों के बच्चों को किताबें उपलब्ध नहीं करा पा रही है ।
मर्तोलिया ने कहा है कि इस आशंका से इनकार नही किया जा सकता है कि निजी स्कूलों को बढ़ावा देने की नीयत के चलते जानबूझकर देरी की जा रही हो । जिलापंचायत सदस्य ने कहा है कि अगर समय पर इस समस्या को नही सुलझाया जाता है तब  सरकार के खिलाफ जिले के आठ विकास खंडों में आंदोलन का बिगुल फूकने के शिवा कोई विकल्प नही होगा ।

हिलवार्ता न्यूज डेस्क 

Continue Reading
You may also like...

More in उत्तराखण्ड

Trending News

Follow Facebook Page

Tags