उत्तराखण्ड
Big Breaking : गुरुग्राम में हुई सीए की गिरफ्तारी के विरोध में हलद्वानी के चार्टर्ड अकाउंटेंट मुखर,सीबीआइसी को ज्ञापन सौंपा,जीएसटी रिफण्ड का है मामला,पढ़े @हिलवार्ता
हलद्वानी : सीए की गिरफ़्तारी के विरोध मे चार्टर्ड अकाउंटेंटस ने जीएसटी विभाग को ज्ञापन सौपकर विरोध दर्ज किया ।
गुरग्राम मे हुई दो चार्टर्ड अकाउंटेंटस की गिरफ़्तारी के विरोध मे हल्द्वानी ब्रांच ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंटस ने निदेशक : सेंट्रल बोर्ड ऑफ इन्डरेक्ट टैक्सेस एण्ड कस्टम (सीबीआईसी) को एक ज्ञापन सौंपा , ये ज्ञापन निदेशक सीजीएसटी देहरादून के माध्यम से भेजा गया ।
जिसमें 17.05.2022 को गुरुग्राम मे हुई दो चार्टर्ड अकाउंटेंटस गिरफ़्तारी और साथ ही जब 18.05.2022 को उस गिरफ़्तारी के विरोध करने आए कुछ चार्टर्ड अकाउंटेंटस को गुरग्राम मे जीएसटी विभाग ने अपने परिसर मे बंदी बना लिया और भवन से जाने वाले सभी मार्ग अवरुद्ध कर दिए गए ।
इस मामले के लेकर पूरे भारतवर्ष के चार्टर्ड अकाउंटेंटस मे भारी रोष व्याप्त है और आईसीएआई की हर ब्रांच, इस कृत्य की भर्त्सना कर रही हैं, साथ ही साथ जीएसटी के स्थानीय विभागों मे ज्ञापन देने का सिलसिला जारी है।
चार्टर्ड अकाउंटेंटस संस्थान (आईसीएआई) वित्त क्षेत्र मे भारत मे ही नहीं दुनिया मे श्रेष्ठ पेशेवरों संस्थानों मे शुमार है, ऐसे मे किसी विभाग द्वारा इसके सदस्यों से इस तरह का कृत्य निंदनीय है और ये कृत्य भारत के संविधान के ‘आर्टिकल- 21’ के तरह भारत के नागरिकों के मूलभूत संवैधानिक अधिकारो का भी हनन है ।
ये ज्ञापन हल्द्वानी ब्रांच सीआईआरसी की हल्द्वानी ब्रांच ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंटस के पदाधिकारी चेयरमेन सीए सारांश सुखेजा, वाइस चेयरमेन सीए अमन शाह , सचिव सीए अभिषेक बाटला, कोषाध्यक्ष सीए दीपक सिंह और सिकासा चेयरमेन सीए दिग्विजय सिंह साथ ही बरिष्ट सीए विजय बंसल , सीए प्रशांत ककड़, सीए अरविन्द सक्सेना, सीए सरोज आनंद जोशी, सीए संजय गुप्ता, सीए पंकज कबड़ाल, सीए मोहित यादव, सीए विनीत शर्मा , सीए कमलेश जोशी , सीए रोहित नौला , सीए अंकित प्रताप सिंह , सीए सचिन सिंगला, सीए अनुभव अरोरा, सीए लव मित्तल, सीए कृति माहेश्वरी आदि मौजूद रहे।
दरअसल मामला गुरुग्राम का है यहां एक व्यापारी ने 15 करोड़ रुपये का जीएसटी रिफण्ड लिया जिसे विभाग ने गलत ठहराते हुए धरपकड़ शुरू की । इधर एसोसिएशन ऑफ चार्टेड अकॉउंटेंट का कहना है कि विभाग ने रिफंड लेने वाले और रिफंड जारी करने वाले पर कोई काईवाई नहीं की। गिरफ्तारी से पूर्व सभी नियमों का पालन नहीं किया गया।
जबकि सीए पूरे दस्तावेज के आधार पर सर्टिफिकेट जारी करते हैं और यदि इस काम के लिए उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटकेगी तो वे अपना काम कैसे करेंगे। यदि किसी की गबन या भ्रष्टाचार में मिलीभगत है तो उन पर कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन मात्र सर्टिफिकेट जारी करने के लिए किसी सीए पर आरोप लगाना उचित नहीं है।
हिलवार्ता न्यूज डेस्क