उत्तराखण्ड
उत्तराखंड: चुनावी साल में एक ओर नौकरियों की भरमार.लोनिवि में 7 साल से 304 संविदाकर्मियों को नियमित होने का इंतजार.पढ़ें @हिलवार्ता
उत्तराखंड में चुनावी साल में नौकरियों की घोषणाओं का अंबार लग गया है वहीं दूसरी ओर लोकनिर्माण विभाग में 304 संविदा में कार्यरत दो दर्जन जेई वर्ष 2008 से तो पौने तीन सौ के करीब संविदा जूनियर इंजीनियर पक्की नौकरी के लिए हाथ पांव मार रहे हैं । इतना ही नही इन संविदा कर्मियों को पूरे विभागीय कार्य करने के बाद बिगत 6 माह से वेतन के लाले पड़े हुए हैं ।
सरकार ने बिगत माह में ही कई विभागों में नए पद भरे जाने की विज्ञप्तियां जारी की हैं ऐसी ही विज्ञप्तियों के माध्यम से वर्ष 2008 और वर्ष 2013-14 में लोकनिर्माण विभाग में मेरिट के आधार पर कुल 309 के करीब जूनियर इंजीनियर की भर्ती की गई । शुरुवात में उन्हें 15000 रुपया प्रतिमाह मानदेय मिला आज की तिथि में जो मात्र 24000 रुपया है ।
कुल 309 में पक्की नौकरी का इंतजार करते करते 5 लोग इस पद से त्यागपत्र दे चुके हैं अभी भी कुल 304 संविदा विभाग में वह सभी कार्य कर रहे हैं जोकि एक स्थायी जूनियर इंजीनियर करता है लेकिन अपने भविष्य को लेकर चिंतित संविदा जेई स्थायी नौकरी दिलाए जाने को लेकर कोर्ट तक गए । हालिया हाईकोर्ट नैनीताल ने विभाग और सरकार से इन कर्मियों को रेगुलर करने और समान काम के लिए समान वेतन का आदेश दिया । वावजूद इसके न सरकार ने इनकी सुध ली है न विभाग ने ।
संविदा डिप्लोमा इंजीनियरिंग संघ के सक्रिय सदस्य संदीप तिवारी कहते हैं कि कई बार सरकार से वह मांग कर चुके हैं कि उनकी मांगों पर न्योचित निर्णय किया जाए लेकिन किसी ने भी उनकी परेशानियां नही समझी । उन्होंने कहा है कि सभी संविदा कर्मी रविवार को देहरादून में होने वाली बैठक में ठोस रणनीति बनाने के लिए इकट्ठा हो रहे हैं । तिवारी ने कहा है कि संगठन का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से इस बाबत बातचीत करेगा ।
तिवारी कहते हैं कि चूंकि नियुक्ति वतौर संविदा कर्मी सीधी भर्ती के तहत हुई है और प्रत्येक नियुक्ति मानकों के आधार पर हुई है लिहाजा उनका हक बनता है कि उन्हें विभागीय रेगुलर नियुक्ति दी जाए । संविदाकर्मियों ने कहा है कि उन्होंने अपने महत्वपूर्ण वर्ष प्रदेश की सेवा में झोंक दिए हैं उनके कई साथियों की उम्र अन्य परीक्षाओं में सम्मिलित होने की नही रही ऐसे में उनके सामने रोजी रोटी का संकट भी पैदा हो गया है ।
उन्होंने राज्य सरकार से मांग की है कि संविदा पर कार्यरत डिप्लोमा इंजीनियर्स की मांगों पर जल्द निर्णय लिया जाए । और सभी कर्मियों को नियमित किया जाए । समय पर निर्धारित मानदेय दिया जाना सुनिश्चित किया जाए ।
हिलवार्ता न्यूज डेस्क