उत्तराखण्ड
हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग से पूछा, क्यों नहीं रुक रहा डेंगू, क्या हुए रोकने के उपाय,दो हप्ते में प्रस्तुत करें सपथपत्र. पूरा समाचार@हिलवार्ता
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने आज राज्य में बढ़ते डेंगू को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. जनहित याचिका यूथ बार एसोसिएशन की तरफ से लगाई गई थी. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग से पूछा है, कि डेंगू होने के क्या कारण रहे,साथ ही इसके रोकथाम के लिए सरकारी स्तर पर क्या उपाय किए गए सहित क्या उपाय किये जा सकते है का जबाब दाखिल करने को कहा है मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रमेश रँगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ हुई, पीठ ने दो सप्ताह का समय तय करते हुए आदेश दिया कि इतने समय मे सपथ पत्र प्रस्तुत किया जाय.
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड में इस बार दर्जनों लोग डेंगू से जान गवां बैठे हैं, डेंगू के कारण कई लोगों की असमय मौत हो चुकी है स्वास्थ्य विभाग व नगर निगमो द्वारा इसकी रोकथाम के लिए उचित कदम नहीं उठाये, वहीं जो भी कदम उठाए गए है वे पर्याप्त नही है.याचिकर्ताओं की मांग है कि डेंगू रोकथाम के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाए जिसके लिए अनुभवी डॉक्टरों का पैनल नियुक्त किए जाए ताकि सभी पीड़ितों की जांच हो सके और उन्हें इलाज मिल सके.साथ ही याचिका में डेंगू से मौत हो चुके लोगों के लिए मुआवजा देने की भी मांग की है.
उत्तराखंड में डेंगू से लोग बहुत परेशान रहे,बढ़ती आबादी और सरकारी नाफरमानी के शिकार आम लोग हुए. सरकारी आंकड़ों के अनुसार अभी तक 5 हजार लोगों ने डेंगू का दंश झेला, लेकिन यह आंकड़ा इससे कहीं अधिक रहा सक्षम लोगों ने उत्तराखंड से बाहर अपना इलाज कराया जो इस आंकड़े से कहीं अधिक बताया जा रहा है सरकार ने देरी से आंकड़ा इकट्ठा किया है इसमें भी जब समाचार मध्यमो में डेंगू से हुई मौतों की खबरें छपने लगी. अभी मौसम में बदलाव हो रहा है बावजूद इसके डेंगू पूरी तरह थमा नही है .अक्टूबर माह अंतिम सप्ताह स्वास्थ महानिदेशक द्वारा जारी डेंगू रिपोर्ट में कहा गया कि प्रदेश में कुल 4816 मरीज डेंगू से पीढ़ित हुए जिनमे सर्वाधिक मरीज अस्थाई राजधानी देहरादून में,3037, नैनीताल में 1355,हरिद्वार 186,उधमसिंह नगर 187,पौड़ी 12,अलमोड़ा,9,बागेश्वर चमोली में 3,चंपावत में 2,रुद्रप्रयाग 6, जबकि उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ में किसी मरीज को डेंगू नहीं होने की बात कही गई .
हिलवार्ता न्यूज डेस्क
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