उत्तराखण्ड
Uttrakhand : बसंत के आगाज के साथ उत्तराखंड में बैठकी होली का द्वितीय चरण शुरू,हिमालय संगीत शोध समिति हलद्वानी में हुआ कार्यक्रम ,खबर @हिलवार्ता
उत्तराखंड में बसंत पंचमी के दिन से बैठकी होली गायन का द्वितीय चरण शुरू हो जाता है । बसंत के आगाज के साथ होली गायन का स्वरूप भी बदल जाता है बसंत पंचमी से शिवरात्रि तक प्रकृति से सम्बंधित होली और श्रंगार की होली गायन चलने लगता है ।
ज्ञात रहे कि उत्तराखंड के कुमाऊँ अंचल में होली चार चरणों मे होती है प्रत्येक चरण में होली गायन का स्वरूप अलग रहता है ।
समारोह का शुभारम्भ वयोवृद्ध संगीत रसिक कृष्णानंद भट्ट ने किया। शोध समिति के जे के पुरम मुखानी स्थित प्रशिक्षण केन्द्र में कैलाश चन्द्र जोशी की अध्यक्षता व संगीतज्ञ डा. पंकज उप्रेती के संचालन में हुए आयोजन का आनलाइन प्रसारण भी किया गया।
समारोह में रिधिमा पांडे ने कथक की मनोहारी प्रस्तुति दी। लाओ जी केशर रंग पिचकारी में भावनृत्य की प्रस्तुति में तबला संगति आचार्य धीरज उप्रेती ने की।
शुभम मठपाल ने बसंत की प्रस्तुति- आयो बसंत सुहाये, शुभम पोखरिया ने- बेला बसंत आई, पंकज जोशी ने- चलो थी गुइया साबिर के दरबार, लोकेश कुमार ने- राग बसंत की अवतारणा की।
इस अवसर पर आशुतोष उप्रेती, प्रवीण जोशी, कैलाश कुमार, सहित कई होली प्रेमी उपस्थित रहे ।
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