उत्तराखण्ड
फरवरी में टूटे पुल,सड़कें,6 महीने से जस के तस,बरसात में मल्ला जोहार के गांवों का संपर्क देश से कटने के डर, देखिए टूटे पुलों की हालत@हिलवार्ता
जनवरी फरवरी माह में हिमालय क्षेत्र में रिकार्ड तोड़ बर्फ गिरी.हिम ग्लेशियरों के आने से पैदल रास्ते व पुल क्षतिग्रस्त हो गए, लोक निर्माण विभाग के डीडीहाट डीवीजन के पास इन रास्तों को ठीक रखने जिम्मेदारी है.स्थानीय युवाओं के दल ने लीलम से मिलम तक साठ किमी की कठिन पैदल यात्रा कर इस रास्ते का जायजा लिया,इन युवाओं ने मिलम पैदल मार्ग की बदहाल हालातों को बयां करने वाले तस्वीर साझा करते हुए कहा है इस बरसात मल्ला जोहार के चाईना बार्डर में रहने वाले बारह गांव के लोग अपने घरो में कैद हो जाएंगे.
उच्च हिमालयी क्षेत्र मल्ला जोहार में पैदल रास्ते जानलेवा बन गए है. पैदल पुल इस बार ग्लेशियरों के आने के बाद क्षतिग्रस्त हो गए है. जिन पर आर पार जाना अपनी जान को जोखिम में डालना जैसा है.अभी आवागमन कच्चे पुल व रास्तो से हो रहा है.
बिलजू,गोंखा,लास्पा,पांछू नदी पर बने पक्के पुल अक्सर आने वाले हिम ऐवलांच आने से चलने लायक बचे ही नहीं है.इन नदियों में बरसात का पानी के बढ़ते ही टूटे पुल भी बह जाएंगे,इनकी जिम्मेदारी किसकी होगी, अचरज में डालने वाली बात यह है कि लोनिवि को न इन लाखो रुपये के पुलो को बचाने की चिंता है न ही स्थानीय जनता, टूरिस्ट व सेना के जवानों की कि मानसून शुरू होने वाला है और सब जैसा था पड़ा हुआ है.
स्थानीय युवाओं ने भाजपा नेता जगत मर्तोलिया से आज मुलाकात कर सीमांत क्षेत्र की जनता को बरसात से पहले इन इलाकों में पुलों की मरम्मत बाबत विभाग और सरकार से बात करने की गुजारिश की.
श्री मर्तोलिया ने बताया कि आज लोनिवि के अधिक्षण अभियंता बीएन पांडे से मुलाकात कर ज्ञापन दिया है श्री जगत मर्तोलिया ने कहा कि एक सप्ताह में पैदल रास्तों व पुलो की मरमत के लिए बजट जारी नहीं हुआ तो लोनिवि डीडीहाट के ओफिस में तालाबंदी की कर दी जाएगी इस बाबत जिला स्तरीय अधिकारियों को भी अवगत कराया जा रहा है.
हिलवार्ता न्यूज डेस्क
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