उत्तराखण्ड
Uttrakhand : यहां हुई अनूठी पहल, राजनीतिक दलों के संकल्प/ घोषणा पत्र से पहले जनता ले आई अपना मांग पत्र ,खबर विस्तार से @हिलवार्ता
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर है । कभी राजनीतिक दलों द्वारा जारी किए जाने वाले घोषणा पत्र का जनता इंतजार करती थी । लेकिन एक वाकया ऐसा भी आया है कि अबकी जनता ने अपना मांग पत्र पार्टियों के घोषणा पत्र आने से पहले जारी किया है ।
जी हां अभी अधिकांश वोटर चाहे नारों और गाजे बाजों से इस चुनावी महाकुम्भ में कूद जाया करते हैं लेकिन एक बड़ा जागरूक हिस्सा अब राजनीतिक चालों को समझने लगा है । उसे पता है कि अखबार के पहले पन्ने और टीवी डिबेट में पेड न्यूज चल रही है । इसलिए अपना एजेंडा दलों के घोषणा पत्र से पहले ले आना चाहिए ।
गंगोलीहाट के ग्रामीणों ने आपसी सहमति से ऐसा ही किया उन्होंएँ एक मांग पत्र तैयार किया है जिसमें वोट के लिए उनकी चौखट पर पहुच रहे उम्मीदवार से एक एक कर प्रश्न पूछे जाते हैं फिर अपना मांग पत्र उसे पकड़ाया जाता है । उम्मीदवार को सवाल दर सवाल उत्तर देना है । है ना अनूठी पहल ।
बताया जा रहा है कि उक्त मांग पत्र को 13 गावों के हजारों लोगों की सहमति और 100 लोगो के सानिध्य में अंतिम रूप दिया गया है ।
मांग पत्र में स्थानीय शिक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े सवाल को अधिक तरजीह दी गई है मसलन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स की नियुक्ति सहित महाविद्यालय में शिक्षकों की भर्ती सहित बिजली पानी की समस्या ।
महाविद्यालय में जहां लोग विज्ञान गणित जैसे विषयों की मांग कर रहे हैं वहीं सड़कों की स्थिति ठीक करने और खेल सुविधाएं विकसित करने की मांग भी शामिल की गई है ।
मांग पत्र तैयार करने में भगवती प्रसाद पंत, गजेंद्र रावल,दीपक बोरा, पीएल साह,सहित भूपेश पंत की अहम भूमिका रही । भगवती पंत बताते हैं कि लंबे समय से क्षेत्र की समस्याएं बरकार हैं किसी भी राजनीतिक दल की क्षेत्र के प्रति जबाबदेही तय नही है उम्मीदवार चुनाव के समय आकर येन केन प्रकारेण चुनाव जीत जाते है । अपना एजेंडा घोषणापत्र पकड़ाकर अंत मे मुकरना राजनैतिक कौशल बन चुका है इसलिए जरूरी है कि जनता प्रतियाशियों के सामने अपना मांग पत्र रखे और उस पर अमल करवाए ।
हिलवार्ता न्यूज डेस्क