उत्तराखण्ड
राजस्व मामले समय पर नहीं निपटाने पर कमिश्नर की अधिकारियों को खरी खरी, कहा प्रॉपर ड्रेस पहन जल्द करें निपटारा, पूरा पढ़िए@हिलवार्ता
समय पर न्याय की आशा में बैठी जनता अधिकारियों की नाफरमानी के चलते न्याय लंबे समय तक न्याय को वंचित रहती है बार बार अधिकारियों को चौखट पर चक्कर लगाने से समय धन दोनो की बर्बादी होती ही है, सरकार को राजस्व का नुकसान भी होता है समय पर राजस्व के मामलों का निपटारा हो जाये तो सरकार और वादी दोनो के लिए ठीक रहता है लेकिन अधिकारी हैं कि मानते ही नहीं, राजस्व वादों के निपटारे में देरी के कारण जनपदवार क्या हालत है एक नजर डालते हैं-जनपद नैनीताल में 5539 , जनपद अल्मोड़ा में 560’जनपद ऊधम सिंह नगर में 8163,जनपद पिथौरागढ़ में 416,जनपद चम्पावत में 341,जनपद बागेश्वर में 214 राजस्व वाद लम्बित है,
इसी मद्देनजर कुमायूँ कमिश्नर श्री राजीव रौतेला ने आज वीसी के जरिये मंडल के सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी राजस्व न्यायिक अधिकारियों की पाक्षिक डायरी बनवाना सुनिश्चित करें तथा रिवेन्यू मेनुअल के अनुसार सभी बिन्दुओं पर प्रतिदिन किए गए कार्यों की स्वयं पाक्षिक समीक्षा करते हुए आख्या उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि पाक्षिक डायरियों का अवलोकन किसी भी दशा में अपर जिलाधिकारियों से नहीं कराया जाए। उन्होंने मण्डल की विभिन्न तहसीलों में बार एसोशिएसन से वार्ता करते हुए वादों की सुनवाई में तेजी लाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि सभी अपर जिलाधिकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारियों एवं अधिकारियों के कार्यों की गहनता से समीक्षा एवं मानीटरिंग करना सुनिश्चित करें। उन्होंनेएक सप्ताह के भीतर राजस्व वादो की समीक्षा करने के निर्देश सभी जिलाधिकारियों को दिए। उन्होंने प्रोन्नत अधिकारियों तथा नव नियुक्त अधिकारियों को इण्डियन एवीडेंस एक्ट तथा विभिन्न न्यायिक प्रक्रियाओं की जानकारी देने हेतु सभी जनपदों के डीजीसी तथा अपर जिलाधिकारियों को कार्यशाला आयोजित करने के निर्देश दिए.
साथ ही कुमाऊॅ मण्डल में स्थित राजस्व न्यायालयों की कमियों को इंगित करते हुए राजस्व न्यायालयों के राजस्व न्यायिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर खेद व्यक्त किया, उन्होंने अपर जिलाधिकारियों, उप जिलाधिकारियों, तहसीलदारों एवं नायब तहसीलदारों को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी राजस्व न्यायिक अधिकारी राजस्व न्यायालय में ब्लैक कोट पहनकर जाए तथा यूनिफाॅम प्रोपर हो. उन्होंने निर्देशित करते हुए कहा कि राजस्व न्यायालय की गरिमा शानदार हो तथा न्यायालय में मोबाईल पूर्णतः वर्जित हो.
हिलवार्ता न्यूज डेस्क
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