उत्तराखण्ड
Uttarakhand: रामगढ़( नैनीताल) “गांधीवादी हैं लेकिन इतने भी नही” कि सब सहते रहें,जनमैत्री संगठन द्वारा आयोजित बैठक में उजागर हुई गावों की चिंता,खबर विस्तार से @हिलवार्ता
रामगढ़ नैनीताल : यहां जन मैत्री संगठन के आह्वाहन पर स्थानीय लोगों ने क्षेत्र में हो रहे अनियोजित निर्माण पर गहरी चिंता व्यक्त की है । संगठन द्वारा आहूत बैठक में स्थानीय किसानों निवासियों सहित संगठन के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने भाग लिया ।
फल पट्टी क्षेत्र रामगढ़ में आयोजित इस बैठक में जल जंगल जमीन बचाने पर मंत्रणा हुई । लोगों ने अपने परम्परागत संसाधनों पर अवैध तरीके से कब्जों पर चिंता व्यक्त की । लोगों से संवाद कायम किया और अनियोजित निर्माण और खत्म किए जा पारंपरिक संसाधनों को बचाने को चिंतन किया ।
ज्ञात रहे कि जन मैत्री संगठन लंबे समय से पर्वतीय क्षेत्र में जल, जंगल, जमीन,और जंगली जानवरों से निजात दिलाए जाने हेतु लगातार आवाज उठाता आया है । बैठक में शामिल लोगों ने पर्वतीय क्षेत्रों में पर्यटन के नाम पर बन रहे रिसॉर्ट होटल्स के द्वारा उनके हक हकूक पर कब्जे,जंगलों गौचर और रास्तों पर कब्जों सहित कानून व्यवस्था की बातों को मुखरता से उठाया । वक्ताओं ने कहा कि पहाड़ के लोगों की दिनचर्या पर पहाड़ में आ रहे अंधाधुंध होटल्स रिसॉर्ट वेवजह दखलंदाजी हो रही है जिस पर अंकुश लगाया जाना चाहिए । लोगों को उनकी रोजमर्रा की जिंदगी में किसी तरह की मुसीबत न आए इसकी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए ।
आज आयोजित सभा मे मुख्य वक्ता के तौर पर पुलिस उपाधीक्षक प्रमोद साह ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को जीने का अधिकार है । सीईओ साह ने कहा कि जनतंत्र में जनता सर्वोपरि है असल सत्ता की मालिक जनता ही है वह बैठ कर तय कर सकती है कि उसे अपने इर्द गिर्द किस तरह का माहौल चाहिए । पर्यटन आजीविका का साधन बनना चाहिए उत्पीड़न का नहीं । अगर पहाड़ के संसाधनों पर कब्जे होंगे तो इसका असर वहां की पारिस्थिकी पर पड़ना लाजिमी है । जिससे सदियों से चली आ रही संस्कृति को खतरा हो सकता है जिसे किसी भी कीमत पर बचाने की जरूरत है ।
संगठन के अध्यक्ष बची सिंह बिष्ट ने कहा कि पहाड़ के लोग सीधे-सादे और गांधीवादी जरूर हैं मगर इतने भी नहीं कि अपने आस-पास के हर अनर्थ को सहन कर लेंगे. उन्होंने कहा कि आस-पास बन रहे होटल एक तरफ तो गाँव का पानी ले ले रहे हैं,जबकि गांव के स्वच्छ वातावरण को बर्बाद करने में शामिल हैं ही,साथ में होटल रिसॉर्ट्स का सीवर, कूड़ा-कचरा, प्लास्टिक, शराब की बोतलें सब लोगों के खेत गाड़ गधेरों में डाल रहे हैं बिष्ट ने कहा कि रात भर होटलों में पार्टियाँ हो रही हैं जिस कारण गाँव की संस्कृति पर असर पड़ रहा है ।
बिष्ट ने कहा कि वह चाहते हैं कि यहां पर्यटक आएं लेकिन हमारी संस्कृति और पर्यावरण की कीमत पर नहीं । रिसॉर्ट होटल मालिकों की जिम्मेदारी है कि वह किस तरह के टूरिस्म को प्रोमट करें । लोग पहाड़ देखने जरूर आएं, यहाँ की आबोहवा का लुत्फ़ उठाएं मगर यह न मान लें कि जो मर्जी आएगी वह कर लेंगे. बैठक में वक्ताओं ने चेताया कि गाँव वाले अभी चुपचाप देख रहे हैं लेकिन यदि पर्यटन के नाम पर यही सब चलता रहा तो वे विकास का यह ताम-तोपड़ा उखाड़ फेकेंगे ।
स्थानीय सुपी रामलीला मैदान में हुई खुली सभा मे बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीणों सहित किसान,युवा और महिलाएं शामिल हुई।
इस मौके पर मुख्य वक्ता पुलिस अधिकारी प्रमोद के अलावा महेश गलिया, मोहम्मद इस्लाम हुसैन, हेमंत बोरा, उमेश तिवारी ‘विश्वाश’, पूरन सिंह बिष्ट, अजय जोशी, कमलेश कुमार पृथ्वी राज सिंह सहित कई लोगो ने संबोधित किया । सभा का संचालन बच्ची सिंह बिष्ट द्वारा किया गया ।
हिलवार्ता न्यूज डेस्क