उत्तराखण्ड
उत्तराखंड छात्रवृत्ति घोटाला,हाईकोर्ट नैनीताल ने जनजाति आयोग का आदेश निरस्त किया,गीता राम नॉटियाल की मुश्किल बढ़ी,25 हजार जुर्माना भी लगा, पूरा समाचार पढ़िए@हिलवार्ता
जनजाति आयोग की शरण की आश लगाए बहुचर्चित छात्रवृत्ति घोटाले में वांछित गीता राम नौटियाल को हाई कोर्ट से झटका लगा है आज हुई नैनीताल हाईकोर्ट ने जनजाति आयोग के आदेश को निरस्त कर दिया और गीता राम नौटियाल की गिरफ्तारी पर लगी रोक भी हटा दी है यानी अब एसआईटी के लिए रास्ता आसान हो गया है.
यही नहीं नौटियाल पर न्यायिक प्रक्रिया में दखल और कार्यों को प्रभावित करने के लिए 25 हजार का जुर्माना भी ठोका है.मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवम न्यायमूर्ति आलोक कुमार बर्मा की खंडपीठ ने की.
जनजाति आयोग के इस आदेश को श्री पंकज कुमार ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर कहा कि आयोग को मामले में हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है,लिहाजा एसआईटी को कार्यवाही जारी रखने का आदेश दिया जाए.
इस बहुचर्चित मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए नौटियाल ने पहले हाई कोर्ट फिर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई दोनों जगह से राहत नही मिलने पर राष्ट्रीय जन जाति आयोग में अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने और एफआईआर में जांच अधिकारी आईपीएस आयुष अग्रवाल के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज करने के लिए राज्य सरकार को निर्देशित करने का प्रार्थना पत्र दिया था,जिस पर आयोग ने 2 जुलाई को राज्य सरकार को निर्देशित किया था कि वो नौटियाल को गिरफ्तार ना करे और आगामी सुनवाई में राज्य के मुख्य सचिव, डीजीपी, सचिव समाज कल्याण और एसआईटी प्रभारी आईपीएस टी सी मंजूनाथ को आयोग में व्यक्तिगत रूप से पेश होने को निर्देशित किया था,कोर्ट के संज्ञान में इस बात को लाया गया कि नौटियाल ने अपने प्रार्थना पत्र में आयोग से यह तथ्य छिपाया था कि उसके याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया था और उसकी याचिका हाई कोर्ट में सुनवाई पर लंबित है.
इसी बात का संज्ञान ले कोर्ट ने नौटियाल को न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का दोषी माना और उस पर 25000 का जुर्माना लगाया है जो उसे 4 सप्ताह में राज्य विधिक सेवा के खाते में जमा करना है, साथ ही माननीय कोर्ट ने आयोग के 2 जुलाई के नोटिस को अविधिक मानते हुए निरस्त कर दिया.
हाईकोर्ट के आज के आदेश के बाद छात्रवृत्ति घोटाले की जांच अब आगे बढ़ने के आसार बढ़ गए हैं पूरे प्रकरण में उच्चाधिकारियों तक एसआईटी पहुचें यह आम जन की अपेक्षा है इस मामले में विभागीय मंत्री,अफसर सहमे हुए हैं, माननीय हाई कोर्ट के आज इस मामले में दिये निर्णय बाद मामले के पटाक्षेप आशा जरूर जगी है.
हिलवार्ता न्यूज डेस्क
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