उत्तराखण्ड
एसएसपी देहरादून के आदेश पर, सात सौ से अधिक अराजकता कर रहे छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज,अन्य कॉलेजों में शांतिपूर्ण चुनाव कराने को स्थानीय पुलिस अधिकारियों पर होगा दबाव,पूरा पढ़िए@हिलवार्ता
देहरादून आगामी 9 सितंबर को हो रहे छात्रसंघ चुनावों में डीएवी कॉलेज में आज पुलिस ने जमकर लाठियाँ भांजी हैं डीएवी देहरादून सहित उत्तराखंड का सर्वाधिक छात्र संख्या वाला कॉलेज है कॉलेज की राजनीति में जिस भी पार्टी की सरकार हो उसके समर्थक संगठनों की गुंडागर्दी चरम पर होती है इस बार भी सरकार की नाक तले लिंगदोह कमेटी की धज्जियां उड़ी हैं.
दिन भर सड़कों में जाम कॉलेज में अफरातफरी का माहौल रहा पीली टी शर्ट पहले एवीवीपी कार्यकर्ता जब बिना अनुमति के जलूस निकाल रहे थे पुलिस ने उनसे ऐसा नहीं करने को कहा, सत्ता की हनक में उन्होंने वह सब किया जो अराजक भीड़ करती है,इसमे उनके साथ स्थानीय नेता मौजूद रहे, जिस वजह छात्र बेलगाम हो गए कॉलेज परिसर में मारपीट की कई घटनाएं हुई आम छात्र छात्राएं किनारे से सब देखते रहे और धीरे धीरे घरों को खिसक ही रही थी कि दिन भर से झेल रही पुलिस ने जमकर लाठी चार्ज कर छात्रों को तितर वितर किया.
एसएसपी देहरादून ने मोर्चा सम्हालते हुए 700 से 800 अज्ञात छात्रों के खिलाफ बिना अनुमति जलूस निकालने की वजह मुकदमा दर्ज करने का आदेश दे दिया और धारा 147,283, 342, के तहत डालनवाला थाने में छात्रों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया है.
प्रदेश के कॉलेजों में एक साथ 9 सितंबर को छात्र संघ चुनाव होने हैं प्रदेश में मुख्य रूप से सक्रिय एनएसयूआई और एबीवीपी दोनो सत्ताधारी दलों की छाया में कॉलेजों का मौहोल खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ती हैं, जिसकी वजह स्थानीय नेताओं का उनको संरक्षण होना होता है, लिंगदोह कमेटी की शिफारिशों को धता बताकर चुनाव लड़ने के लिए प्रतियाशियों को पैसा शराब मुहैय्या कराना आम बात है, इसी वजह अराजकता का मौहोल बना रहता है,प्रदेश में डीएवी के बाद हर बार एमबीपीजी कॉलेज दूसरा अराजकता का केंद्र बन जाता है,जिसको रोकने में हर बार प्रशासन नाकाम साबित होता है.
एसएसपी देहरादून श्री अरविंद मोहन जोशी की कार्यवाही को जिस तरह सोशल माध्यम में समर्थन मिल रहा है, एमबीपीजी सहित प्रदेश के कॉलेजों में शांतिपूर्ण चुनाव करवाने का दबाव वहां के पुलिस प्रशासन पर जरूर होगा.माना जाना चाहिए कि देहरादून की तरह अन्य स्थानों पर अराजकता करने वालों के खिलाफ कार्यवाही होगी और शांतिपूर्ण तरीके से आम छात्र लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग कर सकेंगे.और चुनाव निपटेंगे.
हिलवार्ता न्यूज डेस्क
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